
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से प्रदेश एवं देश की समृद्ध पुष्पकृषि विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने में सीएसआईआर–राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), लखनऊ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दिनेश प्रताप सिंह सीएसआईआर–एनबीआरआई, लखनऊ द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक गुलदाउदी एवं कोलियस पुष्प प्रदर्शनी के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह समारोह संस्थान के वनस्पति उद्यान परिसर स्थित सेंट्रल लॉन में आयोजित किया गया, जहाँ रंग-बिरंगी गुलदाउदी एवं कोलियस की आकर्षक किस्मों ने वातावरण को उल्लास और सौंदर्य से भर दिया। प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में आम नागरिकों, विद्यार्थियों, पादप-प्रेमियों तथा महिलाओं ने सहभागिता की।

समारोह की अध्यक्षता वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नई दिल्ली के संयुक्त सचिव (प्रशासन) महेन्द्र कुमार गुप्ता ने की। इस अवसर पर दोनों गणमान्य अतिथियों द्वारा विभिन्न वर्गों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि फूलों की संगत मन एवं वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। उन्होंने कहा कि पुष्पकृषि के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने में अनुसंधान संस्थान महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

सीएसआईआर–एनबीआरआई द्वारा आयोजित गुलदाउदी एवं कोलियस शो–2025 में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत कुल 157 सामान्य पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 50 प्रथम, 55 द्वितीय तथा 52 तृतीय पुरस्कार शामिल रहे। समग्र प्रदर्शन के आधार पर निदेशक, सीएसआईआर–सीमैप, लखनऊ ने सर्वाधिक पुरस्कार प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), लखनऊ तथा मुख्यालय, सेंट्रल कमांड (कैंटोनमेंट), लखनऊ का स्थान रहा। अन्य प्रमुख पुरस्कार विजेताओं में मंजू नर्सरी, रायबरेली रोड, टाटा मोटर्स, लखनऊ, ला मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ, श्रीमती रंजिता अग्रवाल, सूबेदार मेजर सतेंद्र भदौरिया एवं लेफ्टिनेंट कर्नल विपुल शुक्ला शामिल रहे।
प्रदर्शनी के दौरान कई प्रतिष्ठित ट्रॉफियाँ भी प्रदान की गईं। छोटे फूलों वाली गुलदाउदी एवं कोलियस समूह की ट्रॉफियाँ निदेशक, सीएसआईआर–सीमैप, लखनऊ को प्रदान की गईं, जबकि बड़े फूलों वाली गुलदाउदी समूह की ट्रॉफी टाटा मोटर्स, लखनऊ को मिली। ‘प्रदर्शनी के राजा’ का खिताब सौभाग्य श्रीवास्तव, ‘प्रदर्शनी की रानी’ श्री अल्फ्रेड गोम्स तथा ‘प्रदर्शनी का राजकुमार’ मिशिका को प्रदान किया गया। ‘फ्लावर ऑफ द ईयर’ ट्रॉफी सुश्री मेहक को प्रदान की गई। सभी वर्गों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर प्रतिष्ठित महानिदेशक ट्रॉफी निदेशक, सीएसआईआर–सीमैप, लखनऊ को प्रदान की गई।

इस अवसर पर सीएसआईआर–एनबीआरआई द्वारा दो नवीन स्वदेशी गुलदाउदी किस्मों ‘एनबीआरआई–मधुक्रम’ एवं ‘एनबीआरआई–शुक्र’ का औपचारिक विमोचन भी किया गया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि महेन्द्र कुमार गुप्ता ने प्रदर्शनी को वैज्ञानिकों, कर्मचारियों एवं प्रतिभागियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताते हुए इसे अत्यंत सफल आयोजन कहा। डॉ. पी. के. त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर–सीमैप ने मूल्य संवर्धन, उद्यमिता एवं ग्रामीण विकास में पुष्पकृषि आधारित अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व डॉ. ए. के. शसानी, निदेशक, सीएसआईआर–एनबीआरआई ने संस्थान की छह दशकों से चली आ रही पुष्प प्रदर्शनी की परंपरा को रेखांकित किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. के. जे. सिंह, संयोजक, प्रदर्शनी द्वारा किया गया।
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