
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ़ योगा एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वाधान में योग सभागार में द्वितीय ध्यान दिवस का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्घाटन अतिथियों एवं विशेषज्ञों ने दीप प्रज्वलित करके किया फैकल्टी के कोऑर्डिनेट डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि ध्यान वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति अपने विचारो, भावनाओ और बाहरी आकर्षण से ऊपर उठकर अपने अंदर की शांति को अनुभव करता है।
नियमित ध्यान करने से तनाव और चिंता कम होती है क्योंकि ध्यान के अभ्यास से शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स कम होते हैं। ध्यान के अभ्यास से एकाग्रता और स्मरण बढ़ती है क्योंकि इसके अभ्यास से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी होती है, ध्यान व्यक्ति को अपने इमोशन को समझने की शक्ति को विकसित करता है जिससे रिश्तों में मधुरता आती है ध्यान के अभ्यास से नींद न आने की समस्या दूर होती हैं, ध्यान का अभ्यास करने से व्यक्ति बेहतर तरीक़े से ख़ुद को समझ पाता है आत्मविश्वास बढ़ता है और निर्णय लेने की क्षमता मज़बूत होती है। ध्यान केवल शारीरिक एवं मानसिक लाभ ही नहीं देता बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी खोलता है। उच्च रक्तचाप एवं हृदय संबंधी बीमारियों में भी लाभ पहुँचाता है तथा शरीर की इम्युनिटी को बेहतर बनाता है।
श्रीमति अर्चना वर्मा ने कहा कि ध्यान प्राचीन योगिक विधि है जिसका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और योग शास्त्रों में मिलता है, धयान के अभ्यास से व्यक्तियों को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है ।अधिष्ठाता प्रो. अशोक कुमार सोनकर ने संबोधित करते हुए कहा कि आज की भाग दौड़ की ज़िंदगी में सभी को ध्यान के अभ्यास करने की आदत डालनी चाहिए ।
इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ.उमेश कुमार शुक्ला, डॉ.सुधीर मिश्रा, डॉ.राम किशोर, शोभित सिंह एवं भारी संख्या में छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे रहे हैं।
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