नई दिल्ली: मोदी सरकार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अंतरिम बजट या इससे पहले ही किसानों और एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए बड़े पैकेज का ऐलान कर सकती है। इसमें बिना संपत्ति गिरवी रखे ब्याज मुक्त कर्ज देने और किसानों की आय में बढ़ोतरी की योजनाएं शुरू की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि कृषि मंत्रालय इस बारे में नीति आयोग के साथ बातचीत करके एक ऐसी योजना बनाने वाले है जिसमें छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने और वित्तीय राहत प्रदान करने के उपाय शामिल होंगे। इसमें 3 लाख रुपए तक का ब्याज रहित कर्ज भी शामिल है। सरकार फिलहाल उन किसानों को ब्यज रहित कर्ज मुहैया करवाती है जिन्होंने समय पर अपना कर्ज वापस कर दिया हो। बैंक ब्याज रहित कर्ज देने से हिकचते रहते हैं लेकिन माना जा रहा है कि वह सरकार का साथ देंगे यदि वह ब्याज की राशि का भुगतान करे। इस साल पेश होने वाले अंतरिम बजट में इस प्रस्ताव की घोषणा हो सकती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है। सरकार का दूसरा प्रस्ताव किसानों को बिना गारंटी के कर्ज उपलब्ध करवाने का है। इस कर्ज की राशि 2-3 लाख रुपए होगी। हालांकि बैंक तब तक बिना गारंटी के कर्ज देने को लेकर सहज नहीं है जब तक कि सरकार क्रेटिड गारंटी तंत्र को लागू नहीं करती है। बैंकर्स और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया राज्यों द्वारा किए जाने वाली कर्जमाफी के खिलाफ हैं। आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा था कि कर्जमाफी से क्रेडिट कल्चर और कर्जदाताओं के व्यवहार पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय पहले ही सभी मंत्रालयों और विभागों से नई योजनाओं को लेकर उनकी फिंडिग जरूरतों के बारे में पूछ चुका है। ताकि वह फरवरी में पेश होने वाले बजट में उसे शामिल कर सके।
नई योजनाओं के लिए धन आवंटन से छोटे किसानों के लिए आय सहायता उपायों को शामिल करने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या सभी किसानों के ब्याज को माफ किया जाए या फिर केवल उनका जो समय पर कर्ज चुका देते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक योजना प्रस्तावित की है। सीबीआई की शोध रिपोर्ट के अनुसार, श्किसानों की कर्जमाफी इस परेशानी का हल नहीं है। हमें किसानों की आय को बढ़ाना होगा। इसीलिए पूरे भारत में आय बढ़ाने वाली योजना को लागू करने की सख्त जरूरत है। देश में 21.6 करोड़ छोटे और मंझले किसान हैं। जिनमें से ज्यादातर कर्ज वापस करने या कर्ज के लिए गारंटी देने की स्थिति में नहीं हैं। इस तरह की योजना के जरिए उनकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।