
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने पम्प्ड स्टोरेज पावर (पीएसपी) परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अंतर्राज्यीय जल आवंटन एवं भूमि से संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में विचार-विमर्श किया। यह बैठक अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, दीपक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में सम्पन्न बैठक का उद्देश्य पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं के सुचारु कार्यान्वयन हेतु नियामकीय एवं प्रक्रियात्मक समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना था !
बैठक के दौरान स्वीकृत पम्प्ड स्टोरेज पावर परियोजनाओं, विशेषकर अंतर्राज्यीय सोन नदी पर स्थित परियोजनाओं के लिए जल आवंटन के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जल उपलब्धता एवं परियोजना आवश्यकताओं का समग्र आकलन पूर्व में ही किया जा चुका है !
बैठक के एक अन्य प्रमुख एजेंडा में वन एवं राजस्व अभिलेखों से संबंधित भूमि मुद्दों पर विचार किया गया। भूमि से जुड़े विषय पर दीपक कुमार द्वारा वन एवं राजस्व विभागों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए परामर्श बैठकों का आयोजन करने तथा पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया को शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में 10 पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इन परियोजनाओं के डेवलपर्स में ग्रीनको समूह, टोरेंट पावर, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस, अवादा वॉटर बैटरी प्राइवेट लिमिटेड, झरिया प्राइवेट लिमिटेड, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड तथा टीएचडीसी सम्मिलित हैं। इनमें से अधिकांश प्रस्ताव सोन नदी पर आधारित परियोजनाओं से संबंधित हैं।
बैठक में प्रमुख परियोजना डेवलपर्स के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सुश्री प्रेरणा शर्मा एवं शशांक चौधरी सम्मिलित रहें, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा बिहार एवं मध्य प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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