बांदा। बबेरू कोतवाली क्षेत्र के मझिला गांव में सुबह अलाव तापते समय आग से जली वृद्धा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां शुक्रवार की सुबह उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वृद्धा की मौत हो जाने पर परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। मझिला गांव निवासी दिर्गज की पत्नी बेसनिया (65) गुरुवार की सुबह नींद से जागने के बाद उसने बकरियों को दूसरे स्थान पर बांधा। इसके बाद अलाव जलाया और बगल में ही रखे धान को सूपा के जरिए ओसाने लगी, इसी दौरान पीछे जल रहे अलाव से उसकी साड़ी में आग लग गई। उस दौरान घर के लोग मवेशी बाड़ा गए हुए थे।
वृद्धा को जलते हुए पड़ोस की महिला ने देखा तो वह मौके पर पहुंची और किसी तरह से उसकी आग बुझाई। आग बुझाने के बाद परिवारीजनों को सूचना दी। परिवार के लोगों ने वृद्धा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, वहां उपचार के दौरान शुक्रवार की सुबह उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद पड़ोसी जमुवा प्रसाद वर्मा ने बताया कि मृतक के पति के नाम एक बीघा पट्टे की जमीन है। उसके चार पुत्र थे, जिसमें एक पुत्र की वर्षों पहले टीबी की बीमारी से मौत हो गई। तीन पुत्र हैं, वह मेहनत मजदूरी करके अपना भरण पोषण करते हैं।
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