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ढाई लाख रुपए तक महंगी हो सकती हैं डीजल कारें, कई कार कंपनियों ने दिए कीमत बढ़ने के संकेत

नई दिल्ली: अप्रैल, 2020 से पूरे देश में लागू होने वाला बीएस-6 उत्सर्जन नियम देश में डीजल कारों के लिए काल साबित हो सकते हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि बीएस-6 नियमों के बाद उसके लिए डीजल कारों पर दांव लगाना बहुत संभव नहीं होगा। इसके पीछे वजह यह बताया गया है कि नए मानकों की वजह से डीजल कारों की कीमतों में ढ़ाई लाख रुपए तक की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है। दूसरी कार कंपनियां की तैयारी को देख कर भी यही लगता है कि वे कम से कम 10 लाख रुपए तक की कीमत वाली कारों का डीजल वर्जन बनाने पर दांव नहीं लगाएंगी।

मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव का कहना है कि बीएस-6 नियमों के लागू होने के बाद डीजल की कारों का उत्पादन काफी महंगा हो जाएगा। इससे बेहतर है कि डीजल की कारों के बजाए उन्नत हाइब्रिड कारों के उत्पादन पर फोकस किया जाए। भार्गव का कहना है कि नए नियमों के लागू होने के बाद पेट्रोल-डीजल की कारों की कीमत का अंतर काफी बढ़ जाएगा। उन्होंन कहा कि कंपनी एक नई तकनीक पर काम कर रही है। इससे पेट्रोल कारों का माइलेज भी 30 फीसदी तक बढ़ाया जा सकेगा। इससे उन ग्राहकों को लुभाया जा सकेगा जो माइलेज के लिए डीजल की कार खरीदते हैं।

मारुति के चेयरमैन ने सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल कारों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों को प्रोत्साहन देने के लिए पेट्रोल-डीजल कारों पर टैक्स लगाना गलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा नहीं मिल सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार पेट्रोल-डीजल वाहनों पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त टैक्स लगा सकती है। इस पैसे को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।

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