नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका खारिज कर दिया जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले को चुनौती दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूघ्त एसके कौल की पीठ ने कहा, ‘‘ हम दखल नहीं देना चाहते (राज्यपाल के फैसले में)।’’ पीठ भाजपा नेता गगन भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। विधानसभा भंग होने से पहले तक भगत विधायक थे। गौरतलब है कि नवंबर में राज्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था। राज्यपाल के इस निर्णय से राजनीतिक पार्टियां काफी नाखुश हैं। आपको बता दें कि जहां महबूबा ने महागठबंधन से सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को एक फैक्स किया था वहीं गवर्नर मलिक ने यह कहा था कि ईद का दिन होने के कारण उन्हें फैक्स नहीं मिला था। उन्होंने यह भी कहा था कि केन्द्र सज्जाद लोन को सीएम बनाना चाहता था इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग कर दी ताकि कोई उनकी इमानदारी पर उंगली न उठा सके। जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था। राज्यपाल के इस निर्णय से राजनीतिक पार्टियां काफी नाखुश हैं। आपको बता दें कि जहां महबूबा ने महागठबंधन से सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को एक फैक्स किया था वहीं गवर्नर मलिक ने यह कहा था कि ईद का दिन होने के कारण उन्हें फैक्स नहीं मिला था। उन्होंने यह भी कहा था कि केन्द्र सज्जाद लोन को सीएम बनाना चाहता था इसलिए उन्होंने विधानसभा भंग कर दी ताकि कोई उनकी इमानदारी पर उंगली न उठा सके।
न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर विस भंग करने के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज की
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