लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उ0प्र0 राज्य मंत्रि परिषद द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में आदिवासियों, जंगल में रहने वाले कोलों, गरीब वनवासियों पर जबरदस्त जुल्म और अन्याय हो रहा है। इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली तथा कुशीनगर जिलों में आदिवासियों, दलितों तथा वनवासियों की जमीन जंगल विभाग तथा वन माफियाओं द्वारा छीनी जा रही है। वनाधिकार कानून को लागू करने के बजाय उसके विपरीत जंगल की जमीन पर वन अधिकारियों की मिलीभगत से दबंगों को कब्जा कराया जा रहा है। विरोध करने वाले आदिवासियों तथा गरीबों की हत्या तक करवाई जा रही है। मिर्जापुर जनपद के हलिया थानान्तर्गत बबुरा रघुनाथ सिंह गांव में वन विभाग के जबरन कब्जे का विरोध करने के कारण हिम्मत कोल की हत्या करा दी गयी।
इस मामले में जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष तथा स्थानीय विधायक की भूमिका संदिग्ध है। थाने में दर्ज एफआईआर में नामजद अभियुक्तों, वन रेंजर आदि पर पुलिस का वरदहस्त है। उल्टे आदिवासियों को ही हत्या में फंसाने की साजिश की जा रही है। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी आदिवासियों तथा गरीब वन निवासियों पर फर्जी मुकदमें करना, धमकाना, उनकी जमीन पर कब्जा करना, उनकी हत्या करवाना आम बात हो गयी है। माकपा राज्य मंत्रि परिषद ने मांग की है कि बबुरा रघुनाथ सिंह गांव के हिम्मत कोल की हत्या में नामजद अभियुक्तों, वन रेंजर सहित को फौरन गिरफ्तार किया जाय और पुलिस की मनगढ़ंत रिपोर्ट के आधार पर आदिवासी युवकों को परेशान न किया जाय।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat