भोपाल: नीमच जिले के एक गांव से प्राइमरी स्कूल की जो तस्वीरें सामने आई हैं, जोकि सरकार के ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया’ अभियान और शिक्षा व्यवस्था के मुँह पर जोरदार तमाचा है. यहां स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने की वजह से शौचालय ही बच्चों का स्कूल बन गया है.
देश को आजादी मिलने के सात दशक बाद भी एक स्कूल की ऐसी तस्वीरें सामने आना देश की सरकार और शिक्षा व्यवस्था के लिए बहुत शर्मनाक है. मोकलपुरा गांव में इस प्राइमरी स्कूल की स्थापना कागजात में तो साल 2012 में ही हो गई, लेकिन इसे बीते 5 साल हो चुके हैं और यहां बच्चों के पढ़ने के लिए एक कमरा तक नहीं बनाया गया है.
इस स्कूल के शिक्षक कैलाश चंद्र राठौर हैं, जोकि पहले इन बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ाकर काम चला लेते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में ऐसा करना संभव नहीं हो पाता.
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