
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गौशालाओं के आर्थिक स्वालम्बन के लिए आवश्यक है कि गौवंश पूरी तरह स्वस्थ रहे। इसलिए गौवंश के भरण पोषण का विशेष ध्यान रखा जाए। राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौवंश के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रति गौवंश हेतु प्रतिदिन भरण पोषण के लिए 50 रूपये धनराशि की व्यवस्था की गयी है। इस धनराशि का पूरा सदुपयोग किया जाए और इसमें कोई भी अनियमितता या फर्जीवाड़ा न हो। कोई भी गौवंश भूखा न रहे और उसके स्वास्थ्य की पूरी निगरानी पशुचिकित्साधिकारी द्वारा की जाए। गौशालाओं में ठंड से बचाव के पूरे इंतजाम किये जाए और किसी भी गौवंश की ठंड से मृत्यु न हो।

धर्मपाल सिंह ने मंगलवार यहां विधान भवन स्थित अपने कक्ष में पशुधन विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को और अधिक व्यवस्थित और सुदृढ़ बनाने के प्रयास अधिकारियों द्वारा किये जाए। लघु पशु योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। गौआश्रय स्थल के प्रभारी, पशुचिकित्साधिकारी, औषधियों, भूसा एवं अन्य चारा मात्रा तथा गुणवत्ता की निगरानी करते रहें।
दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 7664 दुग्ध समितियां कार्यरत हैं। नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत 2250 समिति गठन का लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। पंजीकृत पोर्टल पर 2470 निबंधित समितियां हैं।
पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
बैठक में विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के एमडी वैभव श्रीवास्तव, विशेष सचिव दुग्ध राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 मेम पाल सिंह तथा संयुक्त निदेशक डा0 पी0के0 सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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