
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश के किसानों को रबी सीजन 2025-26 के लिए अनुदान पर दिए जा रहे बीजों को खरीदने की तिथि को अब 30 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर, 2025 कर दिया गया है। इसी क्रम में मंत्री की अध्यक्षता में बुधवार 03 दिसम्बर, 2025 को उनके कार्यालय कक्ष में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में संचालित प्राकृतिक एवं जैविक खेती की योजनाओं की भी गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मंत्री ने फसलों में किसी भी तरह के हानिकारक तत्वों के अवशेष की जाँच के लिए लैब टेस्ट राज्य की सरकारी संस्थाओं द्वारा जनपद मेरठ, वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, झाँसी और बाँदा से कराए जाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में यह भी तय किया गया कि विश्व मृदा दिवस 05 दिसम्बर, 2025 को राज्य स्तर पर एक वृहद् कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मृदा परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण प्राप्त होगा और प्राकृतिक/जैविक खेती के क्लस्टर के कृषक व चैम्पियन फार्मर को प्रतिभाग कराया जाएगा। प्रमुख सचिव (कृषि) द्वारा निर्देशित किया गया कि झाँसी मण्डल में यह मूल्यांकन रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी से तथा बाँदा मण्डल में बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बाँदा से कराया जाए। गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने सुझाव दिया कि गौशालाओं से गोबर व गोमूत्र इकट्ठा करके जीवामृत/घनजीवामृत/प्रॉम बनाकर किसानों द्वारा उपयोग किया जा सकता है, जिससे रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम होगा।
समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों में श्याम बिहारी गुप्ता, अध्यक्ष गौ-सेवा आयोग, रविन्द्र, प्रमुख सचिव (कृषि), इन्द्रविक्रम सिंह, सचिव कृषि, टी०के० शिबू, विशेष सचिव (कृषि), डा० पंकज त्रिपाठी, कृषि निदेशक, उ०प्र०, हरेन्द्र उपाध्याय, निदेशक, सीमा, टी०पी० चौधरी, निदेशक, यूपीसोका, डा० रमेश कुमार मौर्य, अपर निदेशक, उ०प्र०, योगेश्वर सिंह, प्राध्यापक, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झॉसी, नरेन्द्र सिंह, सहायक निदेशक बाँदा कृषि विश्वविद्यालय एवं अनिल कुमार यादव, संयुक्त कृषि निदेशक शामिल थे।
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