
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : सोमवार 01 दिसंबर 2025 को गीता जयंती के सुअवसर पर सनातनम संस्था, लखनऊ एवं अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ हाईकोर्ट के संयुक्त तत्वाधान में नवनिर्मित हाईकोर्ट गोमती नगर, लखनऊ के महामना हाल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में न्यायिक व्यवस्था में भगवदगीता की प्रासंगिकता एवं इसके महत्व पर व्याख्यान सहित काव्य पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति राजन राय, वरिष्ठ न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ एवं वरिष्ठ अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया, न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों को अंग वस्त्रम एवं यथार्थ गीता पुस्तक भेंट कर तथा दीप प्रज्जवलन करके किया गया। संगोष्ठी का प्रारंभ श्रीमती दीप्ति गुप्ता द्वारा गीता स्तुति से किया गया। अधिवक्ता, राकेश डी. कुमार ने विशेष वक्ता के रूप में गीता के अनेक श्लोकों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। इसके उपरांत सुप्रसिद्ध कलाकार संजय शुक्ला ‘रहबर’ ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर के कालजयी काव्य ग्रंथ रश्मिरथी से उद्धृत रचना कृष्ण की चेतावनी का काव्य पाठ किया।

विशिष्ट अतिथि ने अपने संबोधन में तथा आशीष वचन के दौरान मुख्य अतिथि ने इस कार्यक्रम की सफल प्रस्तुति के लिए आयोजक दल की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन किए जाने की अपेक्षा की। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर अध्यक्ष सनातनम संस्था राजेश चंद्र पाल तथा संस्था के अन्य सदस्यों द्वारा सभीआगंतुकों को यथार्थ गीता की प्रति भेंट की गई।
कार्यक्रम का समापन अधिवक्ता श्रवण कुमार एवं अधिवक्ता विंदेश्वरी पाण्डेय के द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। इस कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य अतिथियों सहित बड़ी संख्या में सनातनम् संस्था के सभी पदाधिकारीगण, अवध बार एसोसिएशन के पदाधिकारीगणों सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिवक्ता एवं अन्य श्रोतागण उपस्थित रहे ।
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