
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार 1 दिसंबर को रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल की ओर से वरिष्ठ शिक्षाविदों, तकनीकी कार्यक्रम समिति के सदस्यों तथा एएनआरएफ, दिल्ली के कार्यक्रम अधिकारियों के परस्पर हुआ संवाद सत्र का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय एवं कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. तलत अहमद उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर आईआईटी दिल्ली के प्रो. दिलीप गांगुली, अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साइंटिस्ट ई डॉ. प्रहलाद राम, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू एवं डॉ. जीवन सिंह उपस्थित रहे।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय एवं कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. तलत अहमद ने अपने विस्तृत वक्तव्य में एएनआरएफ द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की ग्रांट्स पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने यह भी बताया कि इन ग्रांट्स को प्राप्त करने की प्रक्रिया पारदर्शी, संरचित और योग्यता आधारित है, जिसमें प्रस्ताव की गुणवत्ता, शोध का सामाजिक व वैज्ञानिक महत्त्व और उसकी संभावित उपयोगिता को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।
आईआईटी दिल्ली के प्रो. दिलीप गांगुली ने पर्यावरणीय सततता की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय में यह केवल एक विचार मात्र नहीं, बल्कि एक मजबूत प्रतिबद्धता की माँग करती है। उन्होंने बताया कि सतत विकास को प्राप्त करने के लिए संस्थानों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को मिलकर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े जटिल मुद्दों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझकर उनका समाधान कर सकें।

प्रो. गांगुली ने बताया कि इन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए अनुसंधान और विकास की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि आधुनिक तकनीकों, डेटा-संचालित समाधानों और नवाचार-आधारित परियोजनाओं के बिना न तो पर्यावरणीय समस्याओं को समझा जा सकता है और न ही उनके दीर्घकालिक समाधान विकसित किए जा सकते हैं।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साइंटिस्ट ई डॉ. प्रहलाद राम ने अपने व्यक्तव्य में सरकार द्वारा विकसित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की आवश्यकता, उद्देश्य और उपयोगिता पर गहन जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यह संस्थान देश में अनुसंधान को सुदृढ़ करने, युवा शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन देने और वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने अपने संबोधन में कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) देश में शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट और दूरदर्शी कार्य कर रहा है, जिसने न केवल अनुसंधान को एक नई दिशा दी है, बल्कि युवा शोधकर्ताओं के लिए अधिक अवसरों और संसाधनों के द्वार भी खोले हैं।
अंत में डॉ. सुभाष मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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