
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : मधुमेह केवल रोग नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ा एक संदेश है। इसे जागरूकता, नियमितता और सही देखभाल से हर व्यक्ति अपने जीवन के हर चरण में नियंत्रित कर सकता है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रतिवर्ष 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय “Diabetes across life stages” अर्थात् “जीवन के हर चरण में मधुमेह” है, जो यह संदेश देता है कि मधुमेह किसी भी आयु में – बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक — किसी को भी प्रभावित कर सकता है। फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष एवं स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने इस अवसर पर आम जन से अपील की है कि :
“हम सभी को अपनी शारीरिक दिनचर्या, संतुलित आहार और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसे समझदारी, अनुशासन और सही उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है। जो लोग पहले से मधुमेह से पीड़ित हैं, वे डॉक्टर और फार्मेसिस्ट के परामर्श अनुसार दवा एवं आहार का पालन करते हुए भी पूर्णतः स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।”
यादव ने बताया कि मधुमेह नियंत्रण और रोकथाम के लिए बचपन, युवावस्था, प्रजनन काल और वृद्धावस्था—सभी चरणों में एकीकृत प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को मधुमेह रोगियों के लिए सहायक वातावरण बनाना चाहिए ताकि वे आत्म-प्रबंधन और गरिमामय जीवन जी सकें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डायबिटीज के लिए 5 वैश्विक लक्ष्य (2030 तक) तय किए हैं :-
- 80% लोगों में मधुमेह का निदान हो।
- निदानित 80% रोगियों का रक्त शर्करा स्तर (Blood Sugar level) नियंत्रित हो।
- निदानित 80% रोगियों का रक्तचाप नियंत्रण में हो।
- 40 वर्ष से अधिक आयु वाले 60% मधुमेह रोगी स्टैटिन दवा लें।
- 100% टाइप-1 मधुमेह रोगियों को सुलभ इंसुलिन और ग्लूकोज मॉनिटरिंग की सुविधा मिले।
भारत में भी विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा
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