
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में निराश्रित गौवंश के संरक्षण हेतु प्रदेश के 13 जनपदों के 18 वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण किया। इसके तहत आजमगढ़ एवं उन्नाव में 03-03, मिर्जापुर में 02, महराजगंज, ललितपुर, अमेठी, बहराइच, देवरिया, पीलीभीत, अयोध्या, कौशाम्बी, चित्रकूट एवं सीतापुर में 01-01 वृहद गौसंरक्षण केन्द्रों का शत-प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इन 18 गौ संरक्षण केन्द्रों की कुल निर्माण लागत रुपए 28 करोड़ 82 लाख है। प्रत्येक केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है।
सिंह ने कहा कि प्रदेश के मण्डलीय जनपदों में 18 मॉडल गौशालाएं बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 576 वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके सापेक्ष 421 केंद्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा 403 केन्द्र क्रियाशील किए जा चुके है। प्रत्येक वृहद गोसंरक्षण केन्द्र की गोवंश धारण क्षमता 400 गोवंश तथा इकाई निर्माण लागत 160.12 लाख है।
वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 6554 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 403 वृहद गो संरक्षण केन्द्र, 284 कांजी हाऊस एवं शहरी क्षेत्र में 307 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7548 गो आश्रय स्थलों में 1235782 निराश्रित गोवंश संरक्षित है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 114865 इच्छुक लाभार्थियों को 180925 निराश्रित गोवंश सुपुर्द किये गये हैं।
प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने अधिकारियों से कहा कि गोसंरक्षण केन्द्रों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए और अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण करें।
विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 योगेन्द्र सिंह पंवार, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 मेमपाल सिंह, अपर निदेशक डा0 संगीता तिवारी, योजनाधिकारी डा0 पी0के0 सिंह, संयुक्त निदेशक मुख्यालय सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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