
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट / सतना : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने चित्रकूट के आरोग्यधाम में प्रबुद्ध जनों से चित्रकूट के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि चित्रकूट के प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विरासत को सुरक्षित रखते हुए इसका विकास किया जाएगा। चित्रकूट में बड़े निर्माण कार्यों की आवश्यकता नहीं है। मंदाकिनी नदी स्वच्छ और सदानीरा बनी रहे, भगवान कामतानाथ के सुगमता से दर्शन हो सके और भक्तों को सरलता से भोजन प्रसाद मिल सके ऐसे निर्माण कार्य किए जाएंगे। चित्रकूट का विकास प्रबुद्ध जनों संतों और आमजनों के सुझाव के आधार पर होगा। भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट को धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन का केंद्र बनायेंगे। चित्रकूट में सड़क चौड़ीकरण परिक्रमा पथ के सौदर्यीकरण और धार्मिक स्थलों के विकास के कार्य तेजी से पूरा कराये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट में विकास के लिए 163 स्थानों पर लोगों ने स्वेच्छा से अपने भवन तोड़कर जमीन उपलब्ध कराई हैं। यह बहुत सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय तथा दीनदयाल शोध संस्थान किसानों और युवाओं को पशुपालन की आधुनिक तकनीक देकर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में सहयोग करें। चित्रकूट के विकास के लिए जारी 2800 करोड रूपये के निर्माण कार्य अगले वर्ष अप्रैल माह तक पूरे हो जायेंगे। चित्रकूट में परिक्रमा पथ, सडक चौडीकरण तथा धार्मिक स्थलों के विकास के कार्य प्राथमिकता से कराये। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे को बढावा देकर ग्रामीण पर्यटन के विकास के साथ-साथ रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी को दीपावली की शुभकामनायें दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टर संतो, प्रबुद्ध और आमजनता से चित्रकूट के विकास के लिए सुझाव प्राप्त कर उसके अनुरूप कार्य योजना तैयार करें। मुख्यमंत्री ने आरोग्यधाम में भारतरत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

बैठक में सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि दौरी सागर निर्माण की सभी बाधायें दूर की जाएं जिससे निर्माण कार्य शुरू हो सके। दौरी सागर बांध बनने से मंदाकिनी नदी को नया जीवन मिलेगा। चित्रकूट के विकास के लिए शानदार ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। इसका क्रियान्वयन होते ही चित्रकूट शानदार धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाएगा। बैठक में सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने चित्रकूट के विकास के लिए बनाई गई कार्य योजना की जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट में समग्र विकास के लिए 5000 करोड़ की कार्य योजना तैयार की गई है। इसमें से 2800 करोड रुपए के निर्माण कार्य आगामी मां अप्रैल तक पूरी हो जाएंगे। कार्य योजना में नगर वन निर्माण, घाट निर्माण, सड़कों के विकास, सौदर्यीकरण मंदाकिनी नदी की साफ-सफाई तथा घाट निर्माण परिक्रमा पथ के विकास जैसे कार्य शामिल हैं। कार्ययोजना में मझगवां में औद्योगिक इकाईयों और षिक्षण संस्थानों की स्थापना का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने चित्रकूट के पंचवटी घाट पर दीपदान कर प्रदेशवासियों को दी दीपावली की शुभकामनायें

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने चित्रकूट प्रवास के दौरान दीपावली मेला के अवसर पर आरोग्य धाम में मां मंदाकिनी के पंचवटी घाट पर दीपदान किया। उन्होंने प्रदेषवासियों की सुख-समृद्धि की कामना के साथ दीपावली की षुभकामनायें दी। इस मौके पर नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, सांसद श्री गणेष सिंह, विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, प्रदेषाध्यक्ष हेमंत खडेलवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष साधना पटेल, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, कुलगुरू प्रो. भरत मिश्रा, पूर्व सांसद आरके सिंह, कमिष्नर बीएस जामोद, आईजी गौरव राजपूत, कलेक्टर डॉ. सतीष कुमार एस, पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह, सीईओ जिला पंचायत षैलेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर विकास सिंह, प्रबल श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देष की सनातन संस्कृति समृद्ध हो रही है। मध्यप्रदेष और उत्तरप्रदेष की सरकार मिलकर चित्रकूट के आध्यात्मिक, पर्यटन और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के विकास के लिए अनेक कार्य कर रही है। आगामी समय में चित्रकूट का वैभव तथा गौरव और भी बढ़ेगा। उन्होंने प्रदेषवासियों तथा चित्रकूट के निवासियों को दीपावली की षुभकामनायें और बधाई देते हुए कहा कि चित्रकूट में श्रद्धा और भक्ति का आनंद लगातार बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर पंचवटी घाट पर श्रीराम के गुणों पर आधारित प्रदर्षनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर दीवारी नृत्य कर रहे कलाकार दलों के बच्चों को प्रोत्साहित किया और बच्चों के बीच पहुंचकर मिष्ठान और उपहार देकर दीपावली की खुषियां बांटी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंचवटी में चित्रकूट के साधु-संतों से भेंटकर उनका सम्मान भी किया।
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