
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश के किसानों को खेती-बाड़ी में आधुनिक तकनीक, बेहतर प्रबन्धन, बाजार उपलब्धता आदि की जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी क्रम में गुरूवार को किसानों को आलू फसल में नवाचार पद्धतियों एवं सूक्ष्म सिंचाई तथा उत्तर प्रदेश में आलू मूल्य श्रृंखला विकास विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किसान प्रशिक्षण केन्द्र, राजकीय उद्यान, आलमबाग, लखनऊ में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र आगरा एवं उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित किया गया।

अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी.एल. मीणा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश में लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई की जाती है। आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र की स्थापना हो जाने से प्रदेश के किसानों आलू की नवीन प्रजातियों के बीज उपलब्ध हो सकेंगे।
डॉ0 नीरज ने आज के समय में किसानों को केवल उत्पादन पर ही नहीं, बल्कि बाजार की वश्यकताओं और मूल्य श्रृखला के प्रत्येक चरण को समझने पर बल दिया। डा० एली एटियानो (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ अंशुल शर्मा (वैज्ञानिक सलाहकार) तथा डॉ. कृष्ण सैनी (ए.आर.सी. विशेषज्ञ) ने किसानों को आलू उत्पादन में नवीन वैज्ञानिक तकनीकों तथा श्रृंखला विकास से संबंधित जानकारी प्रदान की, जिससे कि आय में वृद्धि हो सके। सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से आलू उत्पादन की जानकारी के०के० नीरज, उप निदेशक (आलू) द्वारा किसानों को प्रदान की गई।

विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्रीमती प्रेरणा शर्मा, निदेशक डा० बी.पी.राम, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार वर्मा, अधीक्षक डा० जय राम वर्मा, उप निदेशक लखनऊ डी.के. वर्मा एवं अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के वैज्ञानिकगण डॉ नीरज शर्मा (देश प्रबंधक, भारत) उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में लखनऊ मण्डल के जनपद रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव व लखीमपुर के कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।