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आयुष मंत्री परमार ने दीनदयाल शोध संस्थान में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण का किया शुभारम्भ

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट / भोपाल : दीनदयाल शोध संस्थान एवं मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण का आयोजन लोहिया सभागार उद्यमिता विद्यापीठ दीनदयाल परिसर में आयोजित किया गया है। जिसका शुभारम्भ शनिवार को मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, कुलगुरु महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो भरत मिश्र, दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष वसंत पंडित, आरएसएस के सतना जिला संघचालक रामबेटा कुशवाहा, रसशास्त्र विशेषज्ञ डाॅ पूर्णिमा, समाजशिल्पी दम्पति प्रभारी राजेन्द्र सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्र ऋषि नानाजी की प्रतिमा के समक्ष दीपप्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ किया।

कार्यक्रम की उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए वैद्य राजेन्द्र पटेल ने कहा कि संस्थान का ध्येय स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हरी ताजी जड़ी – बूटियों एवं योग के माध्यम से स्वस्थ व निरोगी रखना तथा ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध ज्ञान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित करना है।

उद्घाटन सत्र में अपने आतिथ्य उद्बोधन में मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीय ज्ञान एवं विज्ञान तथा परम्पराएँ विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम परम्परागत ज्ञान का संरक्षण व संवर्धन करने के साथ-साथ उसे लिपिबद्ध करें, जिससे वह जनमानस के लिए उपयोगी सिद्ध हो सके, यह कार्य उनका विभाग कर रहा है। आयुर्वेद के माध्यम से हम स्वास्थ के क्षेत्र में बेहतर, सस्ता, कारगर एवं स्थाई समाधान कर सकते हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर यह कार्य बेहतर हो सकता है जिसका सफल प्रयोग दीनदयाल शोध संस्थान कर रहा है यह अनुकरणीय है।

डॉ विवेक डोंगरे नागपुर ने दैनिक दिनचर्या पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की जाने क्रियाएँ दिनचर्या तथा ऋतुचर्या के अंतर्गत जीवनशैली और आयुर्वेदिक आहार शामिल हैं।

विशेषज्ञ पूर्णिमा जी ने कहा कि जड़ी-बूटियाँ तनाव, सर्दी, खाँसी और सूजन जैसी कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं, साथ ही पाचन सुधारती हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं तथा हृदय स्वास्थ्य बेहतर करती है।

इसके अतिरिक्त निखिल मिश्र द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान तथा स्वावलम्बन अभियान पर तथा राजेन्द्र सिंह द्वारा सहयोगी कार्यकर्ता उनके दायित्व एवं कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। जितेंद्र सिंह ने स्वच्छता एवं पेयजल (व्यक्तिगत, पारिवारिक एवम सामुदायिक) पर प्रकाश डाला। राजेन्द्र पटेल तथा दयालाल यादव द्वारा स्थानीय जड़ी बूटियों के गुणधर्म व उनके प्रयोग पर जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समरजीत सिंह, कामता गौतम ने सहयोग प्रदान किया। सत्र संचालन आरोग्यधाम के ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग प्रभारी डॉ राजीव शुक्ला द्वारा किया गया ।

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