
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार 29 सितंबर को हिंदी प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित ‘हिंदी पखवाड़ा उत्सव 2025’ के अंतर्गत स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिव मंगल सिंह एवं कार्यक्रम संयोजक और सहायक निदेशक, राजभाषा, बीबीएयू डॉ. बलजीत कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके उनके प्रति आभार व्यक्त करने के साथ हुई। इसके पश्चात डॉ. बलजीत कुमार श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रुपरेखा से अवगत कराया।

मुख्य अतिथि डॉ. शिव मंगल सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी साहित्य और सृजन के क्षेत्र में अपनी दक्षता को सिद्ध कर रही है, जो निश्चय ही एक सराहनीय कदम है। उन्होंने बताया कि किसी भी कविता की सार्थकता तभी मानी जाती है जब उसमें पाँच मुख्य तत्त्व विद्यमान हों। इनमें उचित वर्णों का प्रयोग, स्पष्ट अर्थ समूह की अभिव्यक्ति, रस की उपस्थिति, छंद का संतुलित और उपयुक्त स्थान तथा कविता का लोकमंगलकारी स्वरूप शामिल है।
प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने नारी शक्ति, प्रेम, वसुंधरा की पुकार, हिंदी भाषा का महत्व, देशभक्ति और छात्र जीवन जैसे विविध और महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी भावपूर्ण कविताओं का पाठ प्रस्तुत किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में साहित्य और भाषा के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करना, रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और उनमें सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना को जगाना था। प्रतिभागियों की अभिव्यक्ति, भाषा और शब्द चयन, रचनात्मकता, भावनात्मक प्रभाव और प्रस्तुति कौशल आदि पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया जायेगा।
समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, गैर शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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