
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में चल रहे भारतीय ज्ञान परंपरा एवं सतत पर्यावरण विषय पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन शनिवार प्रस्तुत संगोष्ठी प्रतिवेदन और विभिन्न सकारात्मक सुझावों की सार्वजनिक प्रस्तुति के साथ हुआ। इस अवसर पर पद्मश्री उमा शंकर पांडेय ने बुंदेलखंड में जल संरक्षण और मृदा संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बुन्देलखण्ड में जन सहयोग से तालाबों का निर्माण किया गया है। पद्मश्री पांडेय ने हर खेत में मेड और हर मेड में पेड़ संकल्पना पर किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे किसान अपना कृषि उत्पाद बढ़ा कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकता है।
पद्मश्री महेश शर्मा, झाबुआ ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने हेतु प्रेरित करने वाले विभिन्न प्रसंग सुनाए। कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने प्रकृति और पर्यावरण पूरक आचरण की पैरवी करते हुए बताया कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय इस दिशा में सशक्त योगदान कर रहा है।
दो दिवसीय इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि पदमश्री महेश शर्मा झाबुआ और पद्मश्री उमा शंकर पांडेय रहे। अध्यक्षता कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने की। इस अवसर पर संगोष्ठी में आयोजित विभिन्न तकनीकी सत्रों के परिणामों और संगोष्ठी प्रतिवेदन को डॉ जय शंकर मिश्रा ने प्रस्तुत किया। शोधार्थी सदस्यों और प्रतियोगियो में स्थान प्राप्त करने वाले लोगों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ उमेश कुमार शुक्ल ने भावुकता पूर्ण शब्दो मे किया। संचालन डॉ ललित कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर पर्यावरण विद डॉ अनिल कुमार उड़ीसा, नीलेश सोलंकी गुजरात, पंकज अग्रवाल, अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक बांदा मंचसीन रहे। इस अवसर पर शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी और छात्र छात्राये मौजूद रहे।