
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एक साथ व्यापक स्तर पर मिशन शक्ति 5.0 एवं सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा एवं अधिकारों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों और कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष), अधिनियम, 2013, विषय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का मुख्य उददेश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन की रोकथाम अधिनियम, 2013 तथा कामकाजी महिलाओं के वित्तीय एवं कानूनी अधिकारों के प्रति प्रतिभागियों और आमजन को जागरूक करना था। इन आयोजनों में लगभग 50,000 प्रतिभागियों ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया। इनमें विभिन्न सरकारी और निजी कार्यालयों के अधिकारी, कर्मचारी, महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्याएँ, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों की छात्राएँ, अधिवक्ता, श्रमिक संगठन और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल रहे।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं है, बल्कि यह एक सतत सामाजिक परिवर्तन का अभियान है। POSH अधिनियम के प्रति जागरूकता इस परिवर्तन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारा लक्ष्य है कि हर कार्यस्थल महिलाओं के लिए न केवल सुरक्षित हो, बल्कि ऐसा वातावरण बने जहाँ वे सम्मान और आत्मविश्वास के साथ कार्य कर सकें। हर महिला और बच्चा तभी सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनेगा, जब समाज स्वयं जिम्मेदारी लेकर आगे आए।

उल्लिखित है कि विभाग द्वारा 22 सितम्बर 2025 से 25 सितम्बर 2025 के मध्य आयोजित किये गये कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 3,85,681 व्यक्तियों को जागरूक किया है, जिसमें पुरूष/बालक सहित 165822, महिलायें एवं बालिकाओं सहित 219857 एवं अन्य 02 शामिल हुए।