
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : (काल्मिकिया) रूस में भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा (कपिलवस्तु) अवशेषो की प्रदर्शनी आयोजित कराने व भारतीय प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व करने का अवसर केशव प्रसाद मौर्य को देने के लिए बौद्ध भिक्षुओं द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया गया। बौद्ध भिक्षुओं ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की रूस की सफल यात्रा और कार्यक्रमो के सफल आयोजन हेतु आशीर्वाद दिया व सफल यात्रा की मंगलमय शुभकामनायें दी। उप मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय 7- कालिदास मार्ग पर प्रदेश भर से बड़ी संख्या मे आये बौद्ध भिक्षुओं द्वारा एक समारोह आयोजित कर इस पुनीत कार्य के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया गया व धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

रूस जाने वाले प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मौर्य करेगे। उप मुख्यमंत्री प्रतिनिधि मण्डल के साथ 23 सितम्बर को भारत से रूस के लिये प्रस्थान करेगे। भगवान बुद्ध के प्रति श्रद्धा जताने, उनके विदेशो मे अवशेषो के प्रदर्शनी कराने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उप मुख्यमंत्री मौर्य ने भी प्रधानमंत्री द्वारा दी गयी जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के कपिलवस्तु अवशेष पीपरहवा (उत्तर प्रदेश ) से प्राप्त हुए, जिसे प्राचीन कपिलवस्तु नगरी से जोड़ा जाता है, यह अवशेष पुरातात्विक रूप से प्रमाणित हैं और वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए अत्यंत पूज्यनीय धरोहर हैं।काल्मिकिया ऐसा क्षेत्र है, जहां बौद्ध जनसंख्या बहुतायात में है, यहां बौद्ध धर्म केवल धर्म ही नहीं बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के सदस्य भन्ते शील रतन द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्त किये गये आभार के अंश –
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद ज्ञापन-
“पूरे प्रदेश से आए भंते समाज के लोग रूस मे आयोजित महात्मा बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी लगाए जाने के चलते प्रफुल्लित और आह्लादित है। भंते समाज, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति कृतज्ञ है कि आपके प्रयासों से रूस में महात्मा बुद्ध की प्रदर्शनी का सफल आयोजन संभव हो रहा है” :भन्ते शीलरतन
इस अवसर पर आनन्द द्विवेदी, विजय मौर्य, राम निवास यादव सहित भारी संख्या मे समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, भन्ते शील रतन सहित भारी संख्या मे बौध भिक्षु गण मौजूद रहे।