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प्रधानमंत्री मोदी ने आइज़ोल में रु 9,000 करोड़ के रेल एवं अन्य विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, आइज़ोल / लेंगपुई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार मिज़ोरम के आइज़ोल में 9000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ रेलवे, सड़क मार्ग, ऊर्जा, खेल सहित कई क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने नीले पहाड़ों की इस खूबसूरत धरती के संरक्षक, परम पूज्य भगवान पैथियन को नमन किया। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वे मिज़ोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे पर मौजूद थे और खराब मौसम के कारण आइज़ोल में लोगों से मिलने नहीं जा सके।

उन्होंने कहा कि चाहे स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, मिज़ोरम के लोग हमेशा योगदान देने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि लालनु रोपुइलियानी और पासल्था खुआंगचेरा जैसी विभूतियों के आदर्श राष्ट्र को प्रेरित करते रहते हैं। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि त्याग और सेवा, साहस और करुणा, मिज़ो समाज में गहराई से समाए हुए मूल्य हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, मिज़ोरम भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”

इस दिन को राष्ट्र, विशेषकर मिज़ोरम के लोगों के लिए ऐतिहासिक बताते हुए, मोदी ने कहा, “आज से, आइज़ोल भारत के रेलवे मानचित्र पर होगा”। अतीत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ वर्ष पहले उन्हें आइज़ोल रेलवे लाइन की आधारशिला रखने का अवसर मिला था। उन्होंने गर्व के साथ इस रेलवे लाइन को राष्ट्र के लोगों को समर्पित किया। मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुर्गम भूभाग सहित कई चुनौतियों के बावजूद, बैराबी-सैरांग रेल लाइन अब एक वास्तविकता बन गई है। उन्होंने इंजीनियरों के कौशल और कार्यकर्ताओं की भावना की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यह उपलब्धि संभव हो पाई है।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि लोगों और राष्ट्र के दिल हमेशा से सीधे जुड़े रहे हैं, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि पहली बार, मिज़ोरम का सैरांग राजधानी एक्सप्रेस द्वारा दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह सिर्फ़ एक रेल संपर्क नहीं है, बल्कि परिवर्तन की जीवन रेखा है और यह मिज़ोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मिज़ोरम के किसान और व्यवसाय अब देश भर के ज़्यादा बाज़ारों तक पहुँच सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मिज़ोरम को हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना का भी लाभ मिलेगा और बताया कि इस क्षेत्र में जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवाएँ शुरू होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “एक्ट ईस्ट नीति और उभरते पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारे, दोनों में मिज़ोरम की प्रमुख भूमिका है।” उन्होंने कहा कि कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और सैरांग-ह्मांगबुचुआ रेल लाइन के साथ, मिज़ोरम दक्षिण पूर्व एशिया के माध्यम से बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा। उन्होंने बताया कि मिज़ोरम में 11 एकलव्य आवासीय विद्यालय पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं और 6 और विद्यालय शुरू करने का कार्य प्रगति पर है।

कुछ महीने पहले दिल्ली में आयोजित अष्ट लक्ष्मी महोत्सव में अपनी भागीदारी को याद करते हुए, मोदी ने कहा कि इस महोत्सव में पूर्वोत्तर के वस्त्र, शिल्प, जीआई-टैग वाले उत्पाद और पर्यटन क्षमता का प्रदर्शन किया गया। राइजिंग नॉर्थ ईस्ट शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने निवेशकों को इस क्षेत्र की विशाल क्षमता का दोहन करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि यह शिखर सम्मेलन बड़े पैमाने पर निवेश और परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

उन्होंने आइज़ोल को भारत के रेलवे मानचित्र पर शामिल होने के लिए हार्दिक बधाई दी और उसका स्वागत किया। उन्होंने दोहराया कि हालाँकि वे खराब मौसम के कारण आइज़ोल नहीं जा सके, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वे जल्द ही मिलेंगे।

इस कार्यक्रम में मिज़ोरम के राज्यपाल जनरल वी.के. सिंह, मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने 8,070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन, जोकि वर्ष 2008 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुई और तत्समय धन का आवंटन एवं जमीन अधिग्रहण वर्ष 2013-14 में हुआ था, का उद्घाटन किया, जो अब मिज़ोरम की राजधानी को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में निर्मित इस रेल लाइन परियोजना में जटिल भौगोलिक परिस्थितियों में 45 सुरंगें बनाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल भी शामिल हैं। मिज़ोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधा रेल संपर्क क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित, कुशल और किफ़ायती यात्रा विकल्प प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों, सैरांग (आइज़ोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। आइज़ोल अब राजधानी एक्सप्रेस के ज़रिए दिल्ली से सीधा जुड़ जाएगा। सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस मिज़ोरम और असम के बीच आवाजाही को सुगम बनाएगी। सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस मिज़ोरम को कोलकाता से सीधे जोड़ेगी।

सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें आइज़ोल बाईपास रोड, थेनज़ोल-सियालसुक रोड और खानकॉन-रोंगुरा रोड शामिल हैं।

प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (पीएम-देवाइन) योजना के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली 45 किलोमीटर लंबी आइज़ोल बाईपास रोड का उद्देश्य आइज़ोल शहर की भीड़भाड़ कम करना, लुंगलेई, सियाहा, लॉन्गतलाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरंग रेलवे स्टेशन आदि से संपर्क बेहतर करना है। इससे दक्षिणी जिलों से आइज़ोल तक यात्रा का समय लगभग 1.5 घंटे कम हो जाएगा। पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) के तहत थेनज़ोल- सियालसुक रोड से कई बागवानी किसानों, ड्रैगन फ्रूट उत्पादकों, धान की खेती करने वालों और अदरक प्रसंस्करणकर्ताओं को लाभ होगा, साथ ही आइज़ोल-थेनज़ोल-लुंगलेई राजमार्ग के साथ संपर्क भी मजबूत होगा। सेरछिप जिले में एनईएसआईडीएस (सड़क) के अंतर्गत खानकावन-रोंगुरा सड़क, बाज़ारों तक बेहतर पहुँच प्रदान करेगी और क्षेत्र के विभिन्न बागवानी किसानों और अन्य लोगों को लाभान्वित करेगी, साथ ही नियोजित अदरक प्रसंस्करण संयंत्र को भी सहयोग प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने लॉन्ग्टलाई-सियाहा मार्ग पर छिमटुईपुई नदी पुल का भी शिलान्यास किया। यह सभी मौसमों में संपर्क प्रदान करेगा और यात्रा के समय को दो घंटे कम करेगा। यह पुल कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ढाँचे के अंतर्गत सीमा पार व्यापार को भी बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री ने खेल विकास के लिए खेलो इंडिया बहुउद्देशीय इनडोर हॉल की आधारशिला रखी। तुइकुआल स्थित यह हॉल एक बहुउद्देशीय इनडोर क्षेत्र सहित आधुनिक खेल सुविधाएँ प्रदान करेगा, जिससे मिज़ोरम के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए लाभ और प्रोत्साहन मिलेगा।

क्षेत्र में ऊर्जा अवसंरचना को सुदृढ़ करते हुए, प्रधानमंत्री ने आइज़ोल के मुआलखांग में 30 टीएमटीपीए (प्रति वर्ष एक हज़ार मीट्रिक टन) क्षमता वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इसका उद्देश्य मिज़ोरम और पड़ोसी राज्यों में एलपीजी की निरंतर और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना और स्वच्छ रसोई ईंधन तक आसान पहुँच प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) योजना के तहत कावर्था में आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन किया। मामित आकांक्षी ज़िले में स्थित इस स्कूल में आधुनिक कक्षाएँ, छात्रावास और कृत्रिम फ़ुटबॉल मैदान सहित खेल सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने त्लांगनुआम में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन किया।

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