
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुक्रवार 12 सितंबर को विकसित भारत के अंतर्गत इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान 2025-2047 विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मंच पर डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू, इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान समिति, बीबीएयू के चैयरपर्सन प्रो. कुशेन्द्र मिश्रा, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के चेयरपर्सन प्रो. शिशिर कुमार एवं आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो. शिल्पी वर्मा उपस्थित रहीं। मंच संचालन का कार्य डॉ. अर्पित शैलेश द्वारा किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थानिक विकास योजना (Institutional Development Plan) केवल एक दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है, जिसके अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है। 2047 के विकसित भारत के लक्ष्यों को साकार करने में विश्वविद्यालय के प्रत्येक सदस्य को सक्रिय भूमिका निभानी होगी और एक-दूसरे पर विश्वास करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है, इसलिए हम सभी को मिलकर शोध, नई तकनीकों, बेहतर नीतियों, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और सुरक्षित एवं सुदृढ़ अधोसंरचना (infrastructure) एवं डिजिटलाइजेशन जैसे क्षेत्रों में ठोस प्रयास करने होंगे।

इस चर्चा सत्र के दौरान डॉ. अर्पित शैलेश द्वारा इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान को प्रस्तुत किया गया। चर्चा सत्र के दौरान बताया गया कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने अपने विकास के पाँच चरणों का स्पष्ट रोडमैप निर्धारित किया है, जिसमें प्रत्येक चरण के अंतर्गत विश्वविद्यालय से जुड़ी मूलभूत एवं आवश्यक आवश्यकताओं को समाहित किया गया है।
कार्यक्रम के अंत में कुलपति को एनआईआरएफ रैंकिंग का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।