
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, औरंगाबाद : उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (उज्जीवन एसएफबी) ने वित्त वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रूपए की ग्रॉस लोन बुक (जीएलबी) हासिल करने के लिए अपनी रणनीतिक योजना तैयार की है। बैंक की यह योजना 2017 में स्मॉल फाइनेंस बैंक के रूप में परिचालन शुरू करने के बाद से हुई प्रगति पर आधारित है। बैंक का यह विकास लायबिलिटी फ्रेंचाइजी के निरंतर विस्तार, एसेट प्रोडक्ट सूट की पहुँच को गहरा करने और लागत-अनुकूल परिचालन के निर्माण पर केंद्रित है, जिससे उच्च और स्थायी लाभप्रदता मिल सके।
विविध लोन पोर्टफोलियो: उज्जीवन अपने लोन पोर्टफोलियो में धीरे-धीरे विविधता लाया है, जहाँ वित्त वर्ष 2019 में सिक्योर्ड लेंडिंग 16% थी, वहीं वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक यह बढ़कर 46% हो गई है। बैंक का लक्ष्य किफायती आवास, माइक्रो मॉर्गेज, एमएसएमई लेंडिंग, वाहन वित्त, गोल्ड लोन और कृषि ऋणों में वृद्धि के साथ अपने सिक्योर्ड लोन बुक की हिस्सेदारी को लगभग 65%-70% तक बढ़ाना है।
लायबिलिटी फ्रेंचाइजी: उज्जीवन ने एक ग्रेन्युलर लायबिलिटी फ्रेंचाइजी का निर्माण किया है, जिसमें वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक कुल 38,619 करोड़ रुपए के डिपॉजिट बेस में से खुदरा डिपॉजिट (सीएएसए और रिटेल टर्म डिपॉजिट) 72% हैं। सीएएसए बैलेंस 9,381 करोड़ रुपए था, जो डिपॉजिट का 24.3% है और इसका दीर्घकालिक उद्देश्य वित्त वर्ष 2030 तक कुल डिपॉजिट का 35% तक सीएएसए पहुँचाना है।
बैंक की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ, संजीव नौटियाल ने कहा, “वित्त वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपए की ग्रॉस लोन बुक का हमारा रोडमैप स्मॉल फाइनेंस बैंक बनने के बाद से स्थापित नींव पर आधारित है। इस अवधि में, हमने वित्त वर्ष 2017 में अपने ग्रॉस लोन बुक को 7,560 करोड़ रुपए से बढ़ाकर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 33,287 करोड़ रुपए कर दिया है।“