
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : कारागार मुख्यालय सभागार, लखनऊ में कारागार मंत्री दारासिंह चौहान की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें कारागार विभाग की प्रशासनिक एवं सुधारात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई। कारागार मंत्री ने कारागारों में ओवरक्राउडिंग की समस्या एवं समाधान हेतु नए जेलों एवं बैरकों के निर्माण की प्रगति को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरणों पर समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए और जेलों के आधुनिकीकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

बैठक में कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया गया। सीसीटीवी कैमरों की संख्या, उनकी कार्यशीलता, स्टोरेज क्षमता एवं पावर बैकअप की स्थिति की गहन समीक्षा की गई। कारागार मंत्री ने निर्देश दिए कि निगरानी व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए नियमित काउंसलिंग, योग, ध्यान एवं मनोवैज्ञानिक सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बैठक को संबोधित करते हुए कारागार मंत्री ने कहा कि जेल प्रशासन की सुचारु कार्यप्रणाली के लिए अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय और संवाद अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कारागार विभाग की कार्यशैली में पारदर्शिता, अनुशासन और उत्तरदायित्व सर्वाेपरि होना चाहिए। बंदियों के समयपूर्व रिहाई के प्रकरणों में समयबद्ध कार्यवाही की जाए। बैठक में महानिदेशक कारागार पी. सी. मीना, अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन धर्मेंद्र सिंह, समस्त पुलिस उप महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक कारागार, वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक एवं प्रभारी अधीक्षक सहित सभी क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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