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ज़ाइडस ने फ्लू से बचाव के लिए लॉन्च किया भारत का पहला ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन – “वैक्सीफ्लू”

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, मुंबई : ग्लोबल इनोवेशन-ड्रिवन हेल्थकेयर कंपनी, ज़ाइडस लाइफसाइंसेस लिमिटेड ने आज भारत में पहली बार अपना ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा (फ्लू) वैक्सीन, वैक्सीफ्लू लॉन्च किया, जो कि डब्ल्यूएचओ की वैश्विक जरूरतों के अनुरूप है। सीज़नल इन्फ्लूएंजा के अलावा, फ्लू भी हर साल गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी रहती है, जिससे 30-50 लाख लोग गंभीर रूप से बीमार होते हैं और लगभग 2.9 लाख से 6.5 लाख लोग श्वसन संबंधी कारणों से मौत के घाट उतर जाते हैं।

सीज़नल फ्लू के वायरस हर साल बदलते रहते हैं, इसलिए हर बार नई वैक्सीन बनाने की जरुरत होती है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ का ग्लोबल सर्विलांस सिस्टम- जीआईएसआरएस लगातार नज़र रखता है। डब्ल्यूएचओ और सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) जैसी संस्थाएँ पूरी कोशिश करती हैं कि वैक्सीन हर जगह पहुँचे।

ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन के बारे में बात करते हुए, डॉ. परवेज़ कौल, एफआरसीपी (पल्मोनरी मेडिसिन) (रॉयल कॉलेज ऑफ फिज़िशियंस, लंदन) और एफईआरएस (यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी) ने कहा, “इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन अब भी सीज़नल फ्लू और उससे होने वाली जटिलताओं से बचाव का सबसे असरदार तरीका है। दुनिया में फ्लू वैक्सीन क्वाड्रावेलेन्ट और ट्राइवेलेन्ट दोनों रूपों में उपलब्ध है। लेकिन, मार्च 2020 से इन्फ्लुएंज़ा बी यामागाटा वायरस का कोई केस सामने नहीं आया है। अमेरिका समेत करीब 40 देश पहले ही ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन अपना चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों में, ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन सबसे वैज्ञानिक और सही विकल्प है।”

रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत पर ज़ाइडस लाइफसाइंसेस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. शारविल पटेल ने कहा, “आज जब हम कई तरह की संक्रामक और संचारी बीमारियों से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित वैक्सीन की बहुत जरुरत है। हमारी कोशिश हमेशा यही रही है कि हम ग्लोबल गाइडलाइन्स के अनुरूप समय पर वैक्सीन उपलब्ध कराएँ, क्योंकि यह प्रिवेंटिव हेल्थकेयर का सबसे अहम् हिस्सा है। “

डब्ल्यूएचओ की 2025-26 की नॉर्दर्न हेमिस्फीयर (एनएच) स्ट्रेन सिफारिशों के अनुसार, मार्च 2020 से बी/यामागाटा के वंश के वायरस का लगातार न होना संक्रमण का जोखिम बहुत कम दिखाता है। इसी वजह से अब वैक्सीन में इस स्ट्रेन को शामिल करना जरूरी नहीं माना जाता। इस दिशा में, नेशनल सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल (एनसीडीसी), भारत सरकार ने भी एनएच 2025-26 सीज़न में ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश की है।

फ्लू एक संक्रामक श्वसन बीमारी है, जो मुख्य रूप से खाँसी और छींक से फैलने वाले हवा में मौजूद कणों या सीधे संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचती है।

वैक्सीफ्लू- ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन (टीआईवी) 6 महीने और उससे ऊपर की उम्र वाले व्यक्तियों के लिए सिफारिश की गई है। इसमें डब्ल्यूएचओ की सालाना सर्विलांस और सिफारिशों के आधार पर चुने गए लेटेस्ट अपडेटेड स्ट्रेन्स शामिल हैं, जो मौजूदा सीज़न में बेहतर सुरक्षा और सटीक वैक्सीनेशन सुनिश्चित करते हैं।

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