
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बीबीएयू में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, उत्तर प्रदेश के मध्य समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गये । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. मित्तल एवं आर.एस.ए.सी.-यूपी के निदेशक डॉ. एस. एस. यादव मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त आर.एस.ए.सी. के टेक्निकल एडवाइज़र टू डायरेक्टर एवं हेड, ई.आर.डी., डॉ. अनिरुद्ध उनियाल , आर.एस.ए.सी.-यूपी के वैज्ञानिक (बागवानी) डॉ. उदय राज तथा विश्वविद्यालय से डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स, प्रो. एस. विक्टर बाबू, कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. शिल्पी वर्मा, निदेशक आईक्यूएसी, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज़ एंड टेक्नोलॉजी की संकायाध्यक्ष प्रो. दीपा एच. द्विवेदी, हार्टिकल्चर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम. एल. मीना, प्रो. संजय कुमार, प्रो. जी. सी. यादव, डॉ. सुतनु मजि एवं डॉ. रवि शंकर वर्मा उपस्थित रहे।

यह समझौता दोनों संस्थानों के लिए शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ करने के साथ–साथ पारस्परिक उन्नति हेतु संयुक्त अनुसंधान के नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
इस अवसर पर बागवानी विभाग द्वारा ‘प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस तकनीकों का अनुप्रयोग’ विषय पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इसमें डॉ. अनिरुद्ध उनियाल, टेक्निकल एडवाइज़र टू डायरेक्टर, आर.एस.ए.सी. एवं हेड, ई.आर.डी. तथा डॉ. उदय राज, वैज्ञानिक (बागवानी), आर.एस.ए.सी.-यूपी ने श्रोताओं को विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी, जहाँ जीआईएस तकनीक के अनुप्रयोग से समाज को व्यापक लाभ पहुँचाया जा सकता है।
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