
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, किश्तवाड़ : गुरुवार (14 अगस्त) को बादल फटने की घटना में चिशोती गांव का कुछ हिस्सा बह गया, जिसमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लापता हैं. अधिकारी भारी पत्थरों, उखड़े हुए पेड़ों और मलबे के नीचे शवों को खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
किश्तवाड़ के उपायुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने द वायर को बताया कि प्रभावित इलाके में खोज और बचाव अभियान, जिसे गुरुवार रात रोक दिया गया था, वो शुक्रवार सुबह फिर से शुरू हो गया. मृतकों में से 21 की पहचान अधिकारियों ने उनके आधार कार्ड या मोबाइल फोन की मदद से की है. इनमें से कम से कम दस जम्मू-कश्मीर के हैं, जबकि एक की पहचान नई दिल्ली निवासी के रूप में हुई है. अब तक लापता लोगों की तलाश में 80 लोग हेल्पलाइन और बचाव अभियान के प्रभारी अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं.
अधिकारियों के अनुसार, लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने तीर्थयात्रा की थी, जिनमें से लगभग 500-800 श्रद्धालु -जिनमें से अधिकांश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों से थे -चिशोती स्थित आधार शिविर में मौजूद थे.
मालूम हो कि चिशोती एक गरीब गांव है, जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 336 है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुनील शर्मा ने बताया कि घटना के समय लगभग 1,200 लोग मौजूद थे.
अधिकारियों ने शुक्रवार (15 अगस्त) को 80 घायलों और बचाए गए लोगों की सूची जारी की.