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ग्रामोदय विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता पर्व, हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : स्वतंत्रता पर्व पर महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने रजत जयंती भवन में ध्वजारोहण किया। इस मौके उन्होंने आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत अभियान में ग्रामोदय विश्वविद्यालय की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख की ग्रामोदय संकल्पना और कार्यशैली पर प्रकाश डाला।ध्वजारोहण,सामूहिक राष्ट्रगान, कुलगुरु प्रो मिश्रा का मार्गदर्शक उद्बोधन, सैनिकों का सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक पेड़ मां के नाम पर वृक्षारोपण, खेलकूद आदि कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस पर्व के मुख्य आकर्षण रहे।

कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा के परिसर आगमन, पूज्य बापू और नानाजी की प्रतिमाओं को माल्यार्पण और आत्मीय नमन के साथ हुआ। तत्पश्चात रजत जयंती भवन में कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने ध्वजारोहण किया। सामूहिक राष्ट्रगान हुआ।
कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने अपने उद्बोधन के माध्यम से उन सभी अमर बलिदानियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके त्याग, साहस और अदम्य संघर्ष के कारण देश को अनमोल स्वतंत्रता मिली। प्रो मिश्रा ने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा हमारा संकल्प है। छात्र हमारी प्रेरक शक्ति हैं, गाँव हमारी प्रयोगशाला है, आत्मनिर्भर ग्राम हमारा लक्ष्य है। विश्वविद्यालय का गौरव बड़ें, राष्ट्र का गौरव बढ़े, यही कामना है। हम सब मिलकर स्वतंत्रता की इस अमूल्य धरोहर को संजोएँ और एक समृद्ध, सशक्त एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में समर्पित हों।

भारत की आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगे के नीचे आज मैं गर्व और उत्साह से परिपूर्णता का अनुभव कर रहा हूँ। शान से फहराया तिरंगा हमारे साहस, गौरव, हमारी सामूहिकता, हमारी एकता का जयघोष है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा” और “स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग” कार्यक्रम में पूरा विश्वविद्यालय परिवार सम्मिलित रहा। प्रदेशवासियों की सेवा में निरंतर समर्पित यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्पों को साकार करने में प्रतिबद्ध ग्रामोदय भी अपना सतत योगदान दे रहा है।

हम सबके समर्पित प्रयासों से ही नेक से ए डबल प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ, जो हमारी गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार का प्रमाण है। जुलाई में यूजीसी से श्रेणी एक का दर्जा प्राप्त हुआ , जिससे हमें अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता में नए अवसर मिले। शैक्षणिक नवाचार और NEP 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन के साथ साथ नये नये पाठ्यक्रम प्रारंभ हुये।
दूरवर्ती शिक्षा में भी एम बी ए, एम एस सी, बी एस सी जैसे नए पाठ्यक्रम मिले हैं, अब दूरवर्ती शिक्षा को प्रदेश के सभी जिले तक विस्तार का लक्ष्य है।छात्र संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि है, जो 2020-21 में 8,965 थी और अब 2024-25 में पांच गुना बढ़ कर 44,341 हो गई है।

वर्त्तमान के वर्षों में, भारत सरकार की नीतियों ने विकास को गति दी है। “मेक इन इंडिया,” “डिजिटल इंडिया,” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया है। इन प्रयासों ने न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।

प्रिय विद्यार्थियो, आप इस देश का भविष्य हैं। युवा ही वह शक्ति है, जो भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है और विकसित भारत @2047 के संकल्प को साकार करेगी। कार्यक्रम का संचालन डॉ ललित सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव, अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र छात्राओं ने सहभागिता की

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