
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अधीन प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति की बैठक गत दिवस आहूत की गयी। सर्वप्रथम प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय रोजगार राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभरा है। इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत इजराइल में श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा 5978 निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजा जा चुका है, जिसकी चर्चा प्रदेश में एवं अन्य देशों में हो रही है। इस कार्य की महत्ता को देखते हुए सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया गया।
उन्होंने बताया कि मिशन के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय रोजगार के साथ-साथ प्रदेश एवं देश में भी अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने का कार्य किया जाना है। मिशन के मुख्य उदेश्यों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न रोजगार के अवसरों को पता लगाना, स्किलगैप का अध्ययन कर उसको दूर कराना, रोजगार कार्यक्रम संचालित करना, कॅरियर काउन्सिलिंग कराना तथा राज्य के रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थियों एवं अल्परोजगार युवाओं को पोस्ट प्लेसमेन्ट स्पोर्ट प्रदान करना है जिसमें घरेलू एवं विदेशी प्लेसमेन्ट द्वारा राज्य सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हो।
उक्त कार्याे के अन्र्तगत विदेश में नौकरी के लिए युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से युवाओं को प्रोफेशनल रूप से तैयार किया जायेगा तथा बाजार मांग के अनुरूप ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किये जायेगे। चर्चा में अवगत कराया गया कि वर्तमान में जर्मनी, जापान व इजराइल से नर्स एवं केयर गिवर की रिक्तियाॅ प्राप्त हुयी है, जिसमें लगभग 1.50 लाख रूपये तक का वेतन मिलेगा, साथ ही खाड़ी देशों से भी विभिन्न सेक्टर की रिक्तियों की प्राप्ति सम्भावित है।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डा0 एम0 के0 शन्मुगा सुन्दरम्, निदेशक, सेवायोजन श्रीमती नेहा प्रकाश, विशेष सचिव, कुणाल सिल्कू, एवं समिति के अन्तर्गत विभिन्न विभागों के अन्य सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया।