
समाधान तकनीक से ही संभव : डीजी संजय तराडे
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में वूडगवार 6 अगस्त को कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल के मार्गदर्शन में ‘राष्ट्र प्रथम’ अभियान के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं स्थायी आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सेवानिवृत्त डीजी डॉ. संजय एम. तराडे उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर स्कूल ऑफ इनफार्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के संकायाध्यक्ष प्रो. एम.पी. सिंह, विभागाध्यक्ष कैप्टन डॉ. राज श्री एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में स्पाइडरवेला प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर व डायरेक्टर आकाश श्रीवास्तव और अनुभव विक्रम सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। डॉ. अमित कुमार सिंह ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। मंच संचालन का कार्य डॉ. सूफिया अहमद द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त डीजी डॉ. संजय एम. तराडे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी से जो समस्या आती है, उसका समाधान भी टेक्नोलॉजी से ही होगा, दरोगा से नहीं। दरोगा केवल मुकदमा लिखेगा, लेकिन समाधान हमें तकनीकी तरीके से ही खोजना होगा। डॉ. तराडे ने कहा कि आज की दुनिया में सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से पासवर्ड हैक हो रहे हैं, लेकिन सिस्टम के अंदर घुसकर कोई पासवर्ड नहीं टूटा है, इसका मतलब खतरा हमारी लापरवाही से है। उन्होंने युवाओं को सजग रहते हुए ऐसी तकनीक विकसित करने का आह्वान किया जो समाज और राष्ट्र दोनों के लिए उपयोगी हो।
संकायाध्यक्ष प्रो. एम. पी. सिंह ने साइबर खतरों और उससे जुड़ी सावधानियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में साइबर सुरक्षा को लेकर सजग रहना चाहिए। विभागाध्यक्ष कैप्टन डॉ. राज श्री ने बताया कि डिजिटल युग में साइबर अपराधों से बचाव हेतु जन-जागरूकता आवश्यक है।
स्पाइडरवेला प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर व डायरेक्टर आकाश श्रीवास्तव और अनुभव विक्रम सिंह ने साइबर सुरक्षा की तकनीकी बारीकियों को साझा करते हुए बताया कि साइबर सुरक्षा केवल तकनीक नहीं, बल्कि एक समग्र जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया का हिस्सा है जो लोगों, डेटा और सिस्टम को साइबर हमलों से बचाती है।
इस अवसर पर प्रो. आर. ए. खान, डॉ. धीरेन्द्र पाण्डेय, डॉ. पवन कुमार चौरसिया, डॉ. अलका, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक वर्मा, अन्य शिक्षकगण समेत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।