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अदाणी फाउंडेशन तैयार कर रहा है विकसित भारत की मजबूत नींव : प्रीति अदाणी

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : आज का भारत बदल रहा है। गांव हो या शहर, हर नौजवान के मन में एक ही सपना है आगे बढ़ना, कुछ बनना और अपने परिवार की जिंदगी बेहतर बनाना जरुरी है। लेकिन सिर्फ पढ़ाई ही काफी नहीं है, अब ज़रूरत है नए जमाने के हुनर की। ऐसा हुनर जो न केवल रोजगार दिलाए, बल्कि खुद का काम शुरू करने की ताकत भी दे।
अदाणी फाउंडेशन इसी सोच पर काम कर रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे इसके स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स में हजारों युवा हर साल ट्रेनिंग लेकर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर रहे हैं। ये सेंटर्स युवाओं को टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, रिन्यूएबल एनर्जी, कस्टमर सर्विस और डिजिटल स्किल्स जैसे कई नए और ज़रूरी क्षेत्रों में तैयार कर रहे हैं।
अभी तक लाखों से ज्यादा युवाओं को इससे फायदा मिल चुका है। इनमें से कई युवा ऐसे हैं जो पहले बेरोजगार थे या खेती-मजदूरी पर निर्भर थे। ट्रेनिंग के बाद अब वे किसी कंपनी में काम कर रहे हैं या खुद का छोटा बिज़नेस चला रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ एक इंसान की जिंदगी नहीं बदलता, बल्कि पूरे परिवार की सोच और हालत को बेहतर बनाता है।

विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने कहा है कि “स्किलिंग यानी कौशल विकास केवल रोजगार पाने का जरिया नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का पहला कदम है। उनका कहना है कि जब कोई युवा नया हुनर सीखता है, तो उसमें आत्मविश्वास आता है, सपने बड़े होते हैं और वह खुद को समाज के लिए उपयोगी महसूस करता है।“
भारत सरकार का सपना है कि 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ बनाना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए सबसे बड़ी ताकत हमारी युवा पीढ़ी है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब युवा पढ़ाई के साथ-साथ नए हुनर भी सीखेंगे। स्किलिंग अब सिर्फ एक कोर्स नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी है।
अदाणी फाउंडेशन इस दिशा में एक मजबूत भागीदार बन चुका है। खास बात ये है कि यह संस्था न केवल ट्रेनिंग देती है, बल्कि उसके बाद प्लेसमेंट या बिज़नेस शुरू करने में भी मदद करती है। कई जगहों पर लड़कियों और महिलाओं के लिए अलग से ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं, जहां उन्हें सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी कोर्स, कंप्यूटर, डिजिटल मार्केटिंग जैसी स्किल्स सिखाई जाती हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में तकनीक का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। ऑनलाइन लर्निंग, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए दूर-दराज़ के गांवों के युवा भी अब बड़े सपनों की ओर बढ़ रहे हैं।
डॉ. प्रीति अदाणी का यह मानना है कि “अगर हर युवा के पास कोई एक मजबूत हुनर हो, तो वह किसी पर निर्भर नहीं रहेगा। नौकरी हो या खुद का काम, वह अपने दम पर खड़ा रह सकता है। यही सोच आज के युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती दे रही है।“
इसलिए, अगर आप युवा हैं, कुछ नया सीखना चाहते हैं और अपने सपनों को उड़ान देना चाहते हैं, तो समझ लीजिए – हुनर ही आपका असली भविष्य है।

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