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जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लघु सिंचाई विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की

अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अंतर्गत लघु सिंचाई विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक सोमवार उ०प्र० जल निगम (ग्रामीण), लखनऊ के सभागार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री ने लघु सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ताओं से सीधे वार्ता कर एक-एक जनपद की जमीनी हकीकत प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी ली।
जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वृहद रूप से सर्वेक्षण कर बड़े तालाबों के जीर्णाेद्धार की परियोजना तैयार की जाय, जिससे आस-पास के किसानों को अनुदान पर सोलर पम्पसेट उपलब्ध कराते हुये सिंचाई सुविधा मुहैया की जा सके। जिसके कारण क्षेत्रों में बढ़ रहे बोरिंग के दबाव को कम किया जा सके एवं जल संतुलन बना रहे।
उल्लेखनीय है कि जनपद महोबा के अंतर्गत कुल 04 विकासखण्ड कबरई, चरखारी, जैदपुर एवं पनवाड़ी आते हैं, जो कि सभी पहले से अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत थे। लघु सिंचाई विभाग द्वारा तालाबों के जीर्णाेद्धार, चेकडैम निर्माण/मरम्मत एवं वर्षा जल संचयन संरचना का कार्य कराते हुये जल संरक्षण एवं संवर्द्धन का कार्य प्रारम्भ कराया गया था, जिसका वर्तमान परिदृश्य में प्रतिफल यह रहा कि अतिदोहित विकासखण्ड् कबरई एवं चरखारी सुरक्षित श्रेणी में आ गये हैं एवं शेष दो विकासखण्ड जैदपुर एवं पनवाड़ी अभी भी अतिदोहित श्रेणी में हैं। सुरक्षित श्रेणी में आ जाने के कारण आज विकासखण्ड कबरई एवं चरखारी में जहां पीने के पानी की किल्लत हुआ करती थी, वहीं पर किसान अपनी सिंचाई लघु सिंचाई विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत करायी जा रही अनुदानित बोरिंग का लाभ लेते हुये अपनी कृषि उत्पांदकता से आय दो गुनी करने के सपने को साकार कर रहा है। भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2017-18 में कुल 82 अतिदोहित विकासखण्ड थे। विभाग द्वारा वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्द्धन के कार्यों के फलस्वुरूप वर्तमान में मात्र 50 अतिदोहित विकासखण्ड शेष रह गये हैं। भविष्य में इस प्रकार की कार्य योजना बनायी जा रही है कि प्रदेश में समस्त विकासखंडो को सुरक्षित श्रेणी में लाया जा सके।
अपर मुख्य सचिव, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, अनुराग श्रीवास्तव ने तालाबों/झीलों में हो रहे अवैध कब्जें को हटाते हुये उन्हें पुनर्जीवित करने की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। साथ ही यह भी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये कि जल दोहन एवं जल संचयन की मात्रा में संतुलन बनाये रखें, जिससे आने वाली पीढ़ी हेतु प्रकृति द्वारा प्रदत्त अनमोल धरोहर ‘जल’ को संरक्षित किया जा सके। मुख्य अभियन्ता लघु सिंचाई विभाग, देवेन्द्र कुमार के द्वारा विभाग के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तु्त किया गया, जिस पर मा० मंत्री जी एवं अधिकारियों ने संतोष व्यक्त किया।
बैठक में जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, विशेष सचिव, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, लघु सिंचाई विभाग के समस्त अधीक्षण अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ता उपस्थित रहे।

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