
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : पर्यावरण थिंक टैंक iFOREST ने भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) और उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग के साथ मिलकर लखनऊ में देश का पहला ‘राष्ट्रीय औद्योगिक बॉयलर हरितीकरण सम्मेलन’ आयोजित किया। इस सम्मेलन में एक राष्ट्रीय रिपोर्ट ‘Greening Industrial Steam: Low-carbon and Clean Air Roadmap for Process Boiler’ (ग्रीनिंग इंडस्ट्रियल स्टीम: लो-कार्बन एंड क्लीन एयर रोडमैप फॉर प्रोसेस बॉयलर)’ और एक राज्य-विशिष्ट रिपोर्ट ‘Greening Industrial Process Boiler: Low carbon and clean air pathways for Uttar Pradesh’ (ग्रीनिंग इंडस्ट्रियल प्रोसेस बॉयलर: लो कार्बन एंड क्लीन एयर पाथवेज फॉर उत्तर प्रदेश)’ जारी की गई। ये रिपोर्ट्स भारत में प्रक्रिया बॉयलर पर पहली व्यापक अध्ययन का परिणाम हैं।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने कहा, ” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। पिछले एक साल से यूपी में फैक्ट्री पंजीकरण की संख्या सबसे अधिक रही है।”
अपने उद्घाटन भाषण में, DPIIT के तकनीकी सलाहकार (बॉयलर) एवं सचिव, केंद्रीय बॉयलर बोर्ड, संदीप कुमार सदानंद कुंभार ने कहा, “बॉयलर अधिनियम, 2025 एक ऐतिहासिक सुधार पहल है। ”
मुख्य अतिथि, मनोज कुमार सिंह, आईएएस, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा, “यह रिपोर्ट न केवल प्रदूषण को कम करने बल्कि अर्थव्यवस्था को स्वच्छ तरीके से विकसित करने का रोडमैप दिखाती है। “
iFOREST के सीईओ, डॉ. चंद्र भूषण, जिन्होंने रिपोर्ट के निष्कर्ष प्रस्तुत किए, ने कहा, “18वीं सदी में औद्योगिक क्रांति को प्रज्वलित करने में कोयला-आधारित बॉयलर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए हमें एक ‘ग्रीन बॉयलर मिशन’ शुरू करना चाहिए।”
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