
राहुल यादव, लखनऊ : उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को इको-टूरिज्म के प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। इस कड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा स्टेकहोल्डर्स की एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें वन विभाग, होटल व्यवसाय से जुड़े लोग और बेंगलुरु स्थित आईडीईसीके संस्था के प्रतिनिधि शामिल हुए। बोर्ड की टीम ने दुधवा की थारू जनजाति के लोगों, होम स्टे संचालकों, नेचर गाइड से संवाद भी स्थापित किया। इसके साथ ही दो दिनो शनिवार और रविवार को विद्यार्थियों को विस्टडोम ट्रेन से भ्रमण कराया गया।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप दुधवा को सतत् पर्यटन और स्थानीय विकास का आदर्श मॉडल बनाया जाएगा। शनिवार को हुई बैठक में पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन, बुनियादी सुविधाओं के विकास और पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक अनोखी पहल करते हुए, शनिवार को लखनऊ के नवयुग कन्या इंटर कॉलेज और रविवार को डीएवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को विस्टडोम ट्रेन से दुधवा और कतर्नियाघाट का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने वन्यजीवों, जैव विविधता और जंगलों के संरक्षण के महत्व को नज़दीक से जाना।
विद्यार्थियों को बाघों, दलदली क्षेत्र के बारहसिंगा, गैंडों, घड़ियाल और दुर्लभ पक्षियों की जानकारी दी गई। दुधवा के शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। भ्रमण के दौरान पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा और वन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। छात्राओं को ईको टूरिज्म के क्षेत्र में संभावित करियर विकल्पों के बारे में भी बताया गया और नेचर गाइड्स से संवाद का अवसर भी मिला। इको टूरिज्म डेवलपमेंट की टीम थारू जनजाति के लोगों और होमस्टे संचालकों से भी संवाद स्थापित किया।
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