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पूर्वोत्तर रेलवे में जल संरक्षण एवं संचयन हेतु 08 स्थानों पर “वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट” स्थापित किए गए

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे पर जल संरक्षण एवं संचयन हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। इसी दिशा में जल संरक्षण एवं संचयन हेतु 08 स्थानों पर ’वाटर रिसाइक्लिंग प्लान्ट’ लगाये गये है।

पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा कोचिंग डिपो में 250 के.एल.डी (किलोलीटर प्रति दिन), लखनऊ कोचिंग डिपो में 500 के.एल.डी, न्यू कोचिंग डिपो गोरखपुर में 500 के.एल.डी, ओल्ड कोचिंग डिपो गोरखपुर में 500 के.एल.डी, कासगंज कोचिंग डिपो में 500 के.एल.डी, रामनगर कोचिंग डिपो में 50 के.एल.डी, टनकपुर कोचिंग डिपो में 20 के.एल.डी, लालकुआं कोचिंग डिपो में 20 के.एल.डी क्षमता सहित कुल 2340 किलोलीटर प्रति दिन क्षमता के वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट लगाये गये है।

वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट के माध्यम से उपयोग किये गये जल को साफ करके उसे फिर से उपयोग में लाये जाने योग्य बनाया जाता है। कोचिंग डिपो में धुलाई के लिये उपयोग में लाये जाने वाले पानी को रिसाइकिल कर पुनः धुलाई के लिए उपयोग में लाया जाता है, जिससे पानी की बचत होती है। जल संरक्षण की दिशा में पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा यह उल्लेखनीय कदम उठाया गया है।

इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुये इसका आगे भी विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में लखनऊ मंडल के लखनऊ जं0 एवं गोरखपुर जं0 स्टेशनों पर ’वाटर रिसाइक्लिंग प्लान्ट’ लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है।

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