
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : देश की जीवन रेखा रेलवे आम दिनों में यात्रियों की सुविधा के लिए काम करता है । लेकिन जरूरत पड़े तो देश की सुरक्षा और आपातकालिन स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में पीछे नहीं हटता है । ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे हमारे देश में सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस है। रेलवेमैन ने हमेशा अपने आपको ऐसी परिस्थितियों में साबित किया है।
1962 में जब चीन ने आक्रमण किया और उसकी फौज काफी अंदर आ गई थी तब पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लुमडिंग डिविजन के कर्मचारियों ने अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया था। बॉर्डर पर जरूरी सामान लेकर गई ट्रेन वहां बॉर्डर पर फंस गई तो उस समय उसके स्टेशन मास्टर से कहा गया कि सभी लोग भाग गए हैं। दूसरे लोग चले गए हैं, फौज पीछे हट गई है, आप क्यों नहीं जा रहे हैं। तब उन्होंने कहा था कि हमारा साथी ट्रेन लेकर बॉर्डर पर गया है। जब वापस आएगा तभी हम जा सकते हैं, नहीं तो नहीं जा सकते हैं।
सन 1965 में जब पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ तो गधरा रोड में हमारे जो ट्रैकमैन थे, उनपर पाकिस्तानी सेना ने बमबारी कर दी थी। उस बमबारी में सारी पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं। लेकिन कम पर जुटे गैंगमैन पीछे नहीं हटे। आज की जो परिस्थिति है उसमें रेलवेमैन अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार हैं।
हम काम के घंटे नहीं देखेंगे, कोई ओवरटाइम नहीं मांगेंगे। हम बार्डर तक गोला-बारूद और रसद पहुंचाएंगे। जो भी जरूरत होगी उसे पहुंचाएंगे। आने वाले समय में जो भी कुर्बानी देनी होगी, रेलवेमैन सबसे आगे आकर कुर्बानी देंगे।
आतंकी और उन्हें पनाह देने वाले उनके आकाओं के खात्मे के लिए जो भी मदद की जरूरत होगी, रेलवेमैन हमेशा उसके लिए तत्पर होकर आगे खड़े रहेंगे।