
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में अपना दल (एस) द्वारा प्रदेश में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को फिर से दोहराया गया। बैठक में उपस्थित अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव (युवा मंच) डॉ. अखिलेश पटेल ने प्रदेश सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि ओबीसी के हक को अनदेखा करना सामाजिक समरसता के लिए ठीक नहीं होगा। डॉ. पटेल ने स्पष्ट किया कि अपना दल (एस) इस मुद्दे को राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में तब तक उठता रहेगा जब तक इस मांग को पूरा नहीं किया जाता।
डॉ. पटेल ने ओबीसी वर्ग के हक़ को अनसुना किए जाने को चिंता व चिंतन का विषय बताते हुए प्रदेश की उन तमाम सरकारों पर सवाल उठाए, जिन्होंने पिछले 70 वर्षों में ओबीसी आरक्षण को पूर्ण रूप से लागू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “एमपी के गठन के बाद से विभिन्न सरकारें सत्ता में आईं, लेकिन ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का यह महत्वपूर्ण मुद्दा हमेशा हाशिए पर रहा।” डॉ. पटेल ने जोर देकर कहा कि गहन चिंतन की भी आवश्यकता है कि आखिर क्यों इतने वर्षों बाद भी ओबीसी वर्ग को उनका संवैधानिक हक नहीं मिल पा रहा। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी समुदाय की आबादी करीब 52 प्रतिशत है, फिर भी सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने में देरी क्यों हो रही है।
इस अवसर पर डॉ. पटेल ने निजी क्षेत्र की नौकरियों, खासकर चौथी श्रेणी की नौकरियों में भी 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के नाम पर इन नौकरियों में आरक्षण नियमों की अनदेखी हो रही है, जो ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय है।