
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : इण्डिया गठबंधन एवं राहुल गाँधी के दवाब में केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए। वैष्णव ने कहा कि कई राज्यों में की गई जाति जनगणना की कवायद अवैज्ञानिक है। एनडीए शासित बिहार सहित कई राज्य पहले ही जाति जनगणना के आंकड़े प्रकाशित कर चुके हैं।
वैष्णव ने कहा कि 2010 में स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर मंत्रिमंडल में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है, वहीं कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों से समाज में संदेह पैदा होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षणों के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
बिहार के बाद तमिलनाडु, तेलंगाना राज्य भी अपने राज्य में जाति गणना करवा रहे हैं ! लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम् के स्टालिन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश यादव एवं राष्ट्रिय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं विहार विधान सभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव नै इसे इण्डिया गठबंधन की जीत बताया है !