लखनऊ /सबरीमाला : केरल के प्रख्यात सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के बाद पहली बार बुधवार को मंदिर के कपाट खोले गए. मंदिर के कपाट खोलने से पहले और बाद में काफी हंगामा हुआ. सैंकड़ों की संख्या में मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की और वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान काफी मारपीट और हिंसा भी हुई. वहीं, बुधवार को हंगामे के बाद आज केरल में बंद का आह्वान किया गया है. बंद के आह्वान के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह पुलिस बल को तैनात किया गया है.
सबरीमला मुद्दे पर विरोध के बीच भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन करने जाने की घोषणा करने वाली केरल की एक महिला ने सोमवार को शिकायत की कि उसे सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं और अपशब्द कहे जा रहे हैं. पहाड़ी स्थित सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उच्चतम न्यायालय के आदेश से उत्साहित कन्नूर जिला निवासी 32 वर्षीय महिला रेश्मा निशांत ने हाल में फेसबुक पर पोस्ट करके बताया कि वह मंदिर जाएगी
28 सितम्बर को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने मासिक धर्म वाली आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर प्रवेश से रोक हटा दी थी. रेश्मा ने स्वयं को भगवान अयप्पा का एक निष्ठावान भक्त बताया और कहा कि उसने 17 नवम्बर को शुरू होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के वास्ते मंदिर तक चढ़ाई के वास्ते 41 दिवसीय व्रत शुरू कर दिया है. रेश्मा ने यह भी कहा कि उसने सबरीमला जाने से पहले प्रथा के तहत भगवान अयप्पा के लाकेट वाली माला भी पहन ली है. उसने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में लोगों ने मंदिर जाने के मेरे निर्णय का समर्थन किया है. यद्यपि मेरे खिलाफ आलोचना का अभियान भी चल रहा है.’’
Suryoday Bharat Suryoday Bharat