लखनऊ/श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी मन्नान बशीर वानी को कश्मीर में जारी ‘निर्मम हिंसा का पीड़ित’ बताया है। साथ ही महबूबा ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के उन छात्रों के सस्पेंशन को वापस लेने की मांग की है, जिनपर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
स्कॉलर से आतंकी बने मन्नान वानी ने इसी साल हिज्बुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में उसे मार गिराया। इसी मामले में कुछ एएमयू छात्रों द्वारा कैंपस में मन्नान की नमाज-ए-जनाजा आयोजित करने की कोशिश की गई, जिसके चलते उन्हें विश्विद्यालय ने सस्पेंड कर दिया।
इन तीनों छात्रों पर 12 अक्टूबर को कैंपस में ‘भारत विरोधी’ नारे लगाने के आरोपों चलते देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। तीनों छात्रों के खिलाफ हुई इस कार्रवाई से नाराज एएमयू के 1200 कश्मीरी छात्रों ने एएमयू प्रशासन को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि अगर छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमे बुधवार तक वापस नहीं हुए तो सभी छात्र यूनिवर्सिटी छोड़कर चले जाएंगे।
इन छात्रों के समर्थन में उतरीं पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) चीफ महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, ‘छात्रों पर इतना दबाव बनाना उल्टा पड़ सकता है। केंद्र को मामले में हस्तक्षेप करके मुकदमे वापस करवाने चाहिए और एएमयू प्रशासन को चाहिए कि वह छात्रों के सस्पेंशन को वापस ले। मामले से जुड़ी राज्य सरकार को भी स्थिति के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और अलगाव को रोकना चाहिए।’
महबूबा ने आगे लिखा, ‘अगर छात्रों को अपने पूर्व साथी छात्र जो कि कश्मीर में निर्मम हत्या का शिकार था, को याद करने के लिए सजा मिलती है तो यह एक अजीब नाटक की तरह होगा।’ इससे पहले सोमवार को ही कश्मीर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एएमयू छात्रों के समर्थन में मौन यात्रा निकाली थी।
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