सूर्योदय भारत समाचार सेवा, पुथुपल्ली : केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमान चांडी का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद मंगलवार सुबह बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. उनके निधन की घोषणा उनके बेटे कांग्रेस नेता चांडी ओमान ने सुबह 4:30 बजे एक फेसबुक पोस्ट में की.
ओमान चांडी का जन्म 21 अक्टूबर, 1943 को कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली में हुआ था, जहां से उन्होंने केरल के सबसे लोकप्रिय राजनीतिक नेताओं में से एक के रूप में अपना नाम बनाया.
उन्हें राजनीति में शुरुआती सफलता राज्य में कांग्रेस की छात्र शाखा केरल छात्र संघ के माध्यम से मिली. उन्होंने कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1969 में युवा कांग्रेस के एक प्रमुख नेता के रूप में राज्य अध्यक्ष के रूप में उभरे.
अगले वर्ष वह 27 वर्ष की आयु में पहली बार पुथुपल्ली विधानसभा सीट से चुने गए. वह केरल के सबसे लंबे समय तक विधायक रहने वाले व्यक्ति थे, जिन्होंने 1970 से अपनी मृत्यु तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, जो राज्य की राजनीति में एक दुर्लभ उपलब्धि थी. 2021 में हुए पिछले केरल विधानसभा चुनाव में चांडी ने पुथुपल्ली से लगातार 12वीं बार जीत हासिल की थी.
भारी भीड़ खींचने वाले चांडी ने 2011 से 2016 और 2004 से 2006 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. 2006 से 2011 तक उन्होंने केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया.
मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान चांडी ने लोगों से मिलने और उनकी शिकायतें सुनने और उन्हें राहत सुनिश्चित करने के लिए एक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया था.
उनके कार्यक्रम को एक अनूठे लोकतांत्रिक प्रयोग के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जिसमें एक राज्य के मुख्यमंत्री बिना किसी मध्यस्थ के हजारों लोगों से सीधे मिलते थे. कार्यक्रम को 2013 में सार्वजनिक सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र वैश्विक पुरस्कार प्राप्त हुआ.
ओमान चांडी के परिवार में उनकी पत्नी मरियम्मा और बच्चे मारिया ओमन, चांडी ओमान और अचु ओमन हैं.
ओमान चांडी के निधन पर केरल सरकार ने सार्वजनिक अवकाश और केरल हाईकोर्ट भी दिन भर के लिए बंद रहेगा.
उनके निधन पर कांग्रेस ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है.
पार्टी की ओर से कहा गया, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और सम्मानित कांग्रेस नेता ओमान चांडी के निधन पर गहरा दुख हुआ.
पार्टी ने ट्वीट कर कहा, ‘राजनीति में एक दिग्गज, केरल की प्रगति और विकास में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. एक सच्चे राजनेता, वह अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो पीढ़ियों को प्रेरित करेगी. इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना. उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले.’