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सहारा ने उच्च न्यायालय से कहा- यह सेबी ही है जिसे सहारा के निवेशकों का भुगतान उन 24,000 करोड़ रुपए में से करना है जो उसके पास जमा है

राहुल यादव, लखनऊ :  सहारा इंडिया परिवार ने  माननीय पटना हाई कोर्ट के समक्ष कहा कि सेबी के पास जो ₹ 24,000 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है, वह सहारा ग्रुप कंपनीज के निवेशकों के पुनर्भुगतान के लिए है। किंतु निवेशकों को सेबी से भुगतान नहीं मिला है और यह धनराशि सेबी के पास व्यर्थ पड़ी है। विगत 9 वर्षों में सेबी ने निवेशकों को केवल ₹128 करोड़ का ही पुनर्भुगतान किया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में समूह की अन्य कंपनियों के निवेशकों की देनदारी चुकाने के प्रति कोई रोक नहीं है। माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी सम्मन के अनुसरण में 8 मार्च 2022 को सहारा की ओर से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने एक लिखित उत्तर में यह बात कही।इसके साथ ही यह तर्क भी दिया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा सेबी को सहारा की दो कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों/सोसाइटी के निवेशकों को पुनर्भुगतान करने से रोकने के लिए कोई बाधा या आदेश पारित नहीं किया गया है। जबकि उन कंपनियों द्वारा किए गए निवेश माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फ्रीज़ कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में माननीय लखनऊ उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक रिट याचिका में सेबी ने स्वयं यह कहा था कि सहारा से प्राप्त धन का उपयोग सहारा क्यू शॉप सहित सभी निवेशकों को पुनर्भुगतान करने के लिए किया जाएगा। किसी भी स्थिति में यदि पुनर्भुगतान नहीं किया जाता है, तो पैसा ब्याज सहित सहारा को वापस कर दिया जाएगा।हालांकि, सेबी के इस तरह के कथन और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 05.12. 2012 के स्पष्ट आदेश के बावजूद कि सेबी द्वारा सहारा को अधिशेष राशि वापस कर दी जाएगी, परंतु सेबी ने न तो निवेशकों को भुगतान किया है और न ही सहारा को रिफंड किया है। ऐसे ने सेबी के लिए केवल एक ही विकल्प खुला है कि या तो वह सहारा को पूरी राशि वापस करें या निवेशकों को पुनर्भुगतान करे। सहारा के वकील द्वारा दाखिल की गई दलीलों का सेबी के वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। माननीय उच्च न्यायालय ने सेबी को 25.03.2022 को या उससे पहले लिखित में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब देने के लिए मुंबई में सेबी के हेड ऑफिस का एक जिम्मेदार अधिकारी 28.03. 2022 को अदालत में उपस्थित हो।

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