
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में आज सोमवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब OBC तथा SC वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए सुबह लखनऊ में जमकर प्रदर्शन किया। शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजधानी लखनऊ के डालीबाग स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के आवास का घेराव किया।
सुबह का वक्त होने की वजह से पुलिस और प्रशासन अलर्ट नहीं था, ऐसी स्थिति में सैकड़ों अभ्यार्थी बड़े आसानी से बेसिक शिक्षा मंत्री के सरकारी आवास तक पहुंच गए। यहां करीब एक घंटे तक उन्होंने नारेबाजी कर मंत्री से न्याय की मांग की। अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती में OBC वर्ग को 27% और SC वर्ग को 21% आरक्षण न दिए जाने से नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से दो सवाल पूछे और अपनी दो मांग भी रखी है।
प्रदर्शन की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन सभी मंत्री से वार्ता के लिए अड़े रहे। आखिर में दोपहर 12 बजे मिलने और वार्ता के आश्वासन के बाद उन लोगों का प्रदर्शन खत्म हुआ। प्र
दर्शनकारियों की मांग थी कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में जितने भी अभ्यर्थियों ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई है उन सभी अभ्यर्थियों को समायोजित किया जाए। इसके साथ ही लखनऊ हाई कोर्ट में जितने भी याची है उन सभी को समायोजित किया जाए।
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69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.86 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों? आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग उप्र 1994 का सही ढंग से पालन न होने की वजह से 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए।
संविधान से मिले आरक्षण के अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को पूरी तरह से लागू किया जाए।
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