
अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने देर रात 14 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। इसमें प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का भी नाम है।
सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा अपनी टीम के साथ मिलकर किया था। इस मामले में कई गिरफ्तारी भी हुई हैं।
अब इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है और फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं।
प्रयागराज के एसएसपी पद से हटाने के बाद सत्यार्थ अनिरुद्ध को अभी नई तैनाती नहीं दी गई है, उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है वहीं, एसपी पीलीभीत अभिषेक दीक्षित को अब प्रयागराज की कमान दी गई है।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी डॉ. कृष्ण लाल पटेल के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का आरोप तो लगा रहे थे, लेकिन कोई तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कराने को तैयार न था।
जिन अभ्यर्थियों से इस गैंग के सदस्यों ने लाखों रुपए वसूला था, वह भी डर के मारे सामने नहीं आ रहे थे। 4 जून को जब प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी से संपर्क किया तो तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
एसएसपी ने शिक्षा जगत की बुनियाद में सेंध लगाकर ईमानदार, परिश्रमी अभ्यर्थियों का हक मारने वाले माफियाओं का तंत्र ध्वस्त करने के लिए एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया।
कुछ ही घंटे में परिणाम आने शुरू हो गए। शुरुआत में ही पुलिस ने एक कार से जा रहे छह संदिग्धों को साढे सात लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया।
पुलिस अफसरों ने सीबीआई की तरह गैंग में शामिल डॉ. कृष्ण लाल पटेल, स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को हिरासत में लेकर पूछताछ की और 22 लाख से अधिक कैश बरामद कर लिया।
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