
अशाेक यादव, लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के तहत 22 हजार पदों को शामिल कर नियुक्ति किए जाने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को कई अभ्यर्थी जहां विधान भवन के सामने प्रदर्शन करने पहुंच गये, वहीं 15 अगस्त से लगातार भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों की हालत बिगड़ रही है। अभ्यर्थियों का डॉक्टरों ने रूटीन चेकअप किया।
अभ्यर्थियों ने विधानभवन के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नियुक्ति पत्र दिए जाने के लिए मांग की। विधान भवन के सामने प्रदर्शन के दौरान महिला अभ्यर्थी बड़ी संख्या में शामिल थीं। यह सभी एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बैठ गई थीं। इनको हटाने के लिए महिला पुलिस को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि खींच खींच कर सभी को बस में भर कर ईको गार्डेन भेज दिया गया।
मानसून सत्र की कड़ी सुरक्षा के बावजूद अभ्यर्थी विधान भवन के सामने पहुंच गए। अभ्यर्थियों ने बातचीत में बताया कि उनके साथ पुलिसकर्मियों ने गाली गलौच किया है, कुछ लोगों का मोबाइल भी ले लिया गया है। पुलिस ने अभ्यर्थियों को जबरन पकड़ कर बस में भरकर ईको गार्डेन भेज दिया।
वहीं 8 अभ्यर्थी 11 अगस्त से निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के पीछे बनी पानी की टंकी पर चढ़ कर प्रदर्शन कर रहे हैं। 15 अगस्त से टंकी के नीचे करीब सात अभ्यर्थी आमरण अनशन पर हैं। सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए अभ्यर्थी सरकार से शिक्षक भर्ती के सभी 1.37 लाख पद भरे जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में 22 हजार पदों को भी जोड़ा जाए। भूख हड़ताल पर बैठने वाले अभ्यर्थियों में निधि तिवारी, अशीष बरनवाल, रितेश कुमार सिंह, योगेश गुप्ता, राघवेन्द्र प्रसाद मिश्रा, नदीम, संजय सिंह की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
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