लखनऊ /नई दिल्ली : 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी में एनडीए के सहयोगियों दलों को एक करने में जुटे अमितशाह से मुलाकात करने वाले हैं. शाह और ठाकरे की इस मुलाकात से पहले शिवसेना में मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सामना ने संपादकीय में मोदी सरकार पे तंज कसते हुए लिखा है, बीजेपी पालघर शाम, दाम, दंड, भेद की राजनीति अपनाकर जीती है. उसी तरह बीजेपी साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर किसानों की हड़ताल तोड़ने में लगी हुई है. पत्रिका में लिखा गया है कि शिवसेना को चुनाव लड़ने के लिए किसी पोस्टर ब्वॉय की जरूरत नही होती. जरूरत के हिसाब से पोस्टर की तस्वीर बदलने और वोट मांगने का धंधा कभी शिवसेना ने नहीं किया. पीएम मोदी की विदेश यात्रों पर तंज कसते हुए पत्रिका में लिखा गया है कि बीजेपी ने एक व्यापक स्तर पर संपर्क की मुहिम शुरू की है. इस संपर्क मुहिम के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व घूमने लगे हुए हैं और शाह देश घूमकर एनडीए के घटक दलों को एक करने की कोशिश कर रहे हैं. उपचुनाव में बीजेपी की दुर्दशा होने के बाद यह मुलाकात क्यों की जा रही है इस पर भी पत्रिका में सवाल उठाए गए हैं.
2019 लोकसभा चुनाव शिवसेना लड़ेगी
बीजेपी ने नाराज चल रही शिवसेना ने एक बार फिर स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. पालघर उपचुनावों का जिक्र करते हुए पत्रिका में लिखा है कि उपचुनाव के नतीजे ने शिवसेना का ‘स्व’ बल दिखा दिया है. ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संपर्क अभियान के पीछे 2019 का सार्वजनिक चुनाव एक वजह हो सकती है, क्योंकि जाहिर तौर पर बीजेपी का आम जनता से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिसे दोबारा साधने के लिए वह घटक दलों का सहारा लेना चाहती है. शिवसेना और जनाधार की बात करते हुए पत्रिका में लिखा गया है कि पार्टी को चुनाव जीतने के लिए किसी भी पोस्टर ब्वॉय की आवश्यकता नहीं है. चुनावों के बारे में आगे लिखा गया है कि इनमें बीजेपी के पोस्टर से मोदी और शाह हर एक स्थान से गायब हो गए और उस स्थान पर स्वर्गीय चिंतामण वंगा का फ़ोटो आ गया.
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