
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ/ दिल्ली :आगामी वर्षों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वर्तमान बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा। वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता को दोगुना करने के लिए निम्नलिखित कार्य शामिल होंगे:
i. मौजूदा टर्मिनलों को अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और पर्याप्त शंटिंग सुविधाओं से सुसज्जित करना।
ii. शहरी क्षेत्र में और उसके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान और निर्माण करना।
iii. मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स सहित रखरखाव सुविधाएं।
iv. विभिन्न स्थानों पर रेल गाड़ियों की बढ़ती संख्या की व्यवस्था करने के लिए यातायात सुविधा कार्यों, सिग्नलिंग उन्नयन और मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि करना।
उत्तर रेलवे के 10 रेलवे स्टेशन को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए चिह्नित किया गया है :
दिल्ली
लखनऊ
वाराणसी
अयोध्या
चंडीगढ़
लुधियाना
अमृतसर
जम्मू
हरिद्वार
बरेली
नई दिल्ली स्टेशन प्लान इस प्रकार है:
मौजूदा स्टेशन बिल्डिंग को गिराकर प्लेटफॉर्म नंबर 01 और 16 के पास दो स्टेशन बिल्डिंग बनाई जाएंगी।
नई स्टेशन बिल्डिंग का एरिया मौजूदा 17274 वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया के मुकाबले लगभग 109000 वर्ग मीटर होगा। अभी
रोजाना चार लाख यात्रियों को संभाला जाता है।
वर्तमान में जम्मूतवी स्टेशन में अपग्रेड कार्य प्रगति पर हैं जिसमें अतिरिक्त पिट लाइन, 4 अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, 7 अतिरिक्त स्टेबलिंग लाइन का निर्माण किया जा रहा हैं।
बरेली जंक्शन पर भी यार्ड रिमॉडलिंग प्रस्तावित हैं। यार्ड रिमॉडलिंग के पश्चात, यह स्टेशन 24 कोच वाली ट्रेन का परिचालन आसानी से कर सकेगा।
केंद्रीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हम यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए विभिन्न शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार कर रहे हैं और अनुभागीय एवं परिचालन क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं। इस कदम से हमारे रेलवे नेटवर्क का उन्नयन होगा और राष्ट्रव्यापी संपर्क सुविधा में सुधार होगा।”
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