शिमला: बीते सीजन में भारी बर्फबारी के चलते हिमाचल में बर्फीला इलाका 25.16 फीसदी बढ़ गया है। स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंज और स्पेस एप्लीकेशन सेंटर इसरो अहमदाबाद के संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है। सेंटर ने सेटेलाइट डेटा के आधार पर साल 2017-18 और 2018-19 में प्रदेश के चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज बेसिन के आसपास के बर्फीले इलाके का अक्तूबर से मार्च के बीच अध्ययन किया। इस अध्ययन के आधार पर सेंटर का दावा है कि 2018-19 में चारों बेसिन में भारी बर्फबारी हुई थी। प्रदेश की नदियों के पानी और मौसम की निगरानी के लिए हिमाचल प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (हिमकॉस्ट) ने एचपी स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंज और इसरो की मदद से चारों बेसिन का अध्ययन शुरू किया है।
इसमें दोनों संस्थाओं ने 2017-18 और 2018- 19 में बर्फीले क्षेत्रफल का तुलनात्मक अध्ययन किया है। अध्ययन के अनुसार साल 2017-18 में जहां रावी, ब्यास, सतलुज और चिनाब बेसिन का बर्फीला क्षेत्र 97 हजार 672 वर्ग किलोमीटर था, वहीं 2018-19 में यह 25.16 फीसदी बढ़कर 1.22 लाख वर्ग किलोमीटर हो गया है। इसमें 54.6 फीसदी की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रावी बेसिन में दर्ज की गई है। ब्यास बेसिन में 22.6 फीसदी, सतलुज में 20.8 और चिनाब में 23.2 फीसदी की वृद्धि हुई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि पिछले सीजन में सामान्य से दस फीसदी ज्यादा बर्फबारी दर्ज की गई थी। इसी बर्फबारी का नदियों के बेसिनों पर पड़े असर का अध्ययन किया है।
हिमाचल में भारी बर्फबारी के चलते 25.16 फीसदी बढ़ा बर्फीला इलाका
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